संवाद न्यूज एजेंसी
झांसी। सोमवार को मंडलायुक्त बिमल दुबे अचानक आरटीओ कार्यालय पहुंचे। कमिश्नर के पहुंचते ही कार्यालय में हड़कंप मच गया। निरीक्षण के दौरान कार्यालय की व्यवस्थाएं देखी और रजिस्टर पर दर्ज आवेदकों को फोन लगाकर बातचीत की।
आरटीओ कार्यालय की खामियों को उजागर करते हुए अमर उजाला के 28 सितंबर के अंक में आरटीओ ऑफिस में कमिश्नर के आदेश की परवाह नहीं शीर्षक के साथ खबर प्रकाशित की गई थी। खबर प्रकाशित होते ही परिवहन विभाग के अफसरों ने दलालों के प्रवेश पर रोक लगाते हुए मुख्य गेट पर गार्ड की तैनाती कर दी थी। इसके साथ ही कार्यालय में आने वाले लोगों के नाम और पता दर्ज करने के लिए रजिस्टर भी रखा गया था। सोमवार को आरटीओ कार्यालय पहुंचे मंडलायुक्त ने रजिस्टर में दर्ज लोगों से बातचीत की। इसके साथ ही परमिट और पंजीकरण सहित अन्य विभागों का निरीक्षण करते हुए दस्तावेजों की जांच की। जांच के दौरान परिवहन विभाग के अफसरों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस मौके पर सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी डॉ. सुजीत कुमार सिंह मौजूद रहे।
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तहसील में आने वाले फरियादियों का समय पर हो निस्तारण
मंडलायुक्त बिमल कुमार दुबे ने सदर तहसील का निरीक्षण किया। इसमें उन्होंने तहसील परिसर में स्वच्छता व्यवस्था का जायजा लिया। इसके साथ ही तहसील कार्यालय के आंकिक विभाग, नजारत विभाग, लेखपाल कक्ष, राजस्व निरीक्षक कक्ष, राजस्व लिपिक कक्ष, अभिलेखागार एवं तहसील न्यायालय में अभिलेखों के रखरखाव, प्रबंधन एवं निस्तारण संबंधी प्रक्रियाओं को गहनता से देखा। नजारत अनुभाग के निरीक्षण में मंडलायुक्त ने उप जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि नायब तहसीलदार को नजारत का प्रभारी अधिकारी नामित कर तामीला की प्रगति के लिए प्रत्येक 15 दिवस की अवधि में मूल्यांकन करें।
उन्होंने कहा कि तहसील में आने वाले फरियादियों की समस्याओं पर प्राथमिकता से संज्ञान लिया जाए। राजस्व लिपिक कक्ष के निरीक्षण में उप जिलाधिकारी सदर को निर्देश दिए कि लेखपाल, कानूनगो, राजस्व निरीक्षक एवं लिपिकों के कार्यों की निरंतर निगरानी करें। निरीक्षण के दौरान उप जिलाधिकारी सदर परमानंद, तहसीलदार ललित पांडेय मौजूद रहे।