इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि धारा 188 के तहत अपराध के लिए सिर्फ निषेधाज्ञा का उल्लंघन ही काफी नहीं है। यह साबित होना चाहिए कि अवज्ञा से किसी व्यक्ति को बाधा, झुंझलाहट या चोट हुई हो या दंगा या झगड़ा हुआ हो।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि धारा 188 के तहत अपराध के लिए सिर्फ निषेधाज्ञा का उल्लंघन ही काफी नहीं है। यह साबित होना चाहिए कि अवज्ञा से किसी व्यक्ति को बाधा, झुंझलाहट या चोट हुई हो या दंगा या झगड़ा हुआ हो।
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