इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फेसबुक पर नबी पैगंबर के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट के आरोप ने दर्ज मुकदमा रद्द करने इन्कार कर दिया। कहा, पोस्ट सामग्री प्रथम दृष्टया दुर्भावनापूर्ण प्रतीत हो रही है। लिहाजा, अदालत अपनी अंतर्निहित शक्तियों का प्रयोग कर ट्रायल कोर्ट की शक्ति में हस्तक्षेप नहीं कर सकती।

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यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की अदालत ने सोनभद्र के मनीष तिवारी की ओर से ट्रायल कोर्ट में लंबित आपराधिक कार्यवाही को चुनौती देने वाली याचिका खारिज करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि समन जारी करने के चरण पर अदालत यह नहीं देखती कि आरोपी को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त सामग्री है या नहीं, बल्कि यह देखना होता है कि क्या कार्रवाई शुरू करने के लिए पर्याप्त आधार मौजूद हैं। लिहाजा, मजिस्ट्रेट से इस शुरुआती मोड़ पर आरोपी के बचाव की गहराई से विश्लेषण करने की अपेक्षा नहीं की जा सकती। उनका दायित्व केवल यह देखने तक सीमित है कि प्रथम दृष्टया कोई मामला बन रहा है या नहीं। 



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