इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि जब तक किसी विवाह को शून्य घोषित नहीं कर दिया जाता, तब तक पत्नी अपने पति से भरण-पोषण पाने की हकदार बनी रहती है।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि जब तक किसी विवाह को शून्य घोषित नहीं कर दिया जाता, तब तक पत्नी अपने पति से भरण-पोषण पाने की हकदार बनी रहती है।
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