इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सरकारी सेवाओं में नियमितीकरण की अवधारणा तभी लागू होती है जब संविदाकर्मी ने काफी लंबे समय तक लगातार काम किया हो। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर नियोक्ता की ओर से कर्मचारी को काम करने से रोका जाता है।



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