
अदालत(सांकेतिक)
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग बालिका की शादी कराने वाले पुरोहित और विवाह का प्रमाण पत्र जारी करने वाली संस्था आर्य सनातन धर्म सेवा समिति आगरा के सचिव पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। साथ फर्जी आयु प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर शादी करने वाले लड़के को अदालत से ही गिरफ्तार करवा संबंधित थाना अध्यक्ष को सौंपने का निर्देश दिया है। साथ ही फर्जी आधार कार्ड कहां से बनवाया गया, इसकी भी जांच करने का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की अदालत में 12 वर्षीय नाबालिग और उससे विवाह करने वाले युवक ने याचिका दाखिल कर सुरक्षा की मांग की थी। याचियों ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि वह दोनों बालिग हैं और अपनी मर्जी से शादी की है। इसलिए उन्हें सुरक्षा दी जाए। बालिका का आधार कार्ड प्रस्तुत कर उसे बालिग बताया गया।
सरकारी अधिवक्ता ने आधार कार्ड पर संदेह जता जांच की मांग की। इस पर कोर्ट ने एसएचओ सैफई को आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों की जांच का आदेश दिया। नाबालिग के पिता को भी आयु प्रमाण पत्र के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया। एसएचओ सैफई ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट में बताया कि लड़की की जन्मतिथि आठ सितंबर 2011 है और वह लगभग 12 वर्ष की है। पिता ने भी हलफनामा दाखिल कर उसकी आयु 12 वर्ष आठ माह बताई।
कोर्ट ने साक्ष्यों का अवलोकन कर कहा कि याची 12 साल की नाबालिग है। ऐसे में किया गया विवाह बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के विपरीत है। नाबालिग से शादी करने से उसके स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा। क्योंकि, शारीरिक और मानसिक रूप से वह विवाह के योग्य नहीं है। साथ ही नाबालिग को बाल कल्याण समिति इटावा को सौंपने का निर्देश दिया है। एसएसपी इटावा को इस मामले की स्वयं निगरानी करने का निर्देश दिया।