
अदालत।
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असाधारण परिस्थिति में पांच साल की नौकरी पूरी होने से पहले भी अध्ययन अवकाश लिया जा सकता है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा निदेशक प्रयागराज के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें उन्होंने याची को इस आधार पर अध्ययन अवकाश देने से इन्कार कर दिया था कि याची की सेवा पांच साल पूरी नहीं हुई है। कोर्ट ने एक माह के भीतर कानून के अनुसार उचित निर्णय लेने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने प्रिया मिश्रा की याचिका पर यह आदेश दिया।
याची प्रिया मिश्रा ने सहायक प्रोफेसर (समाजशास्त्र) के पद पर राजकीय बालिका स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अंबारी, आजमगढ़ में 29 जून 2021 कार्यभार ग्रहण किया था। इसके बाद याची का स्थानांतरण 31 जून 2022 को पंडित दीन दयाल उपाध्याय राजकीय बालिका डिग्री महाविद्यालय, सेवापुरी, वाराणसी में कर दिया गया। याची उक्त महाविद्यालय में कार्यरत हैं। इस दौरान याची ने 9 जून 2023 को एक अभ्यावेदन प्रस्तुत कर कहा कि सरकारी सेवा में नियुक्ति से पहले वह काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी से पीएचडी कर रही थी।
उन्होंने पहले ही एक नियमित शोध छात्रा के रूप में अपना पाठ्यक्रम और दो साल का कार्य पूरा कर लिया है। अपनी सेवाओं में शामिल होने से पहले याची ने शोध कार्य से दो साल की अवधि के लिए अस्थायी रूप से वापसी ली थी। यह अवधि 28 जून 2023 को समाप्त हो गई। याची ने 29 जून 2023 से 28 जून 2024 तक एक वर्ष की अवधि के लिए अध्ययन अवकाश देने के लिए आवेदन किया था।