High Court overturned the decision to cancel the recruitment of 1300 workers in Jal Nigam

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– फोटो : अमर उजाला

हाईकोर्ट ने आगरा जल निगम में 1300 कर्मियों की नियुक्ति रद्द करने वाला सरकार का फैसला पलट दिया है। कोर्ट ने सरकार के निर्णय को गलत बताते हुए निर्देश दिए हैं कि सभी रिट याचिकाकर्ता (169 उम्मीदवार दागी ) को उनकी श्रेणियों के अनुसार नियुक्ति दी जाए। आदेश की प्रति 26 अक्तूबर को हाईकोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई।

ऐसे सभी कर्मचारी को दो माह में कार्यभार ग्रहण कराने और तदनुसार वेतन भुगतान सुनिश्चित कराने की प्रक्रिया पूर्ण कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। हालांकि ये याचिकाकर्ता उस अवधि के लिए किसी भी बकाया वेतन के हकदार नहीं होंगे, लेकिन उनकी वरिष्ठता बहाल की जाएगी। उन्हें काल्पनिक वेतन वृद्धि के साथ वेतन संरक्षण भी दिया जाएगा।

वर्ष 2016 में जल निगम ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में 335 लिपिक, 853 अवर अभियंता और 122 सहायक अभियंताओं की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था। 335 लिपिक पदों के लिए 84683, अवर अभियंता के 853 पदों के सापेक्ष 61452 और सहायक अभियंता के 122 पदों के सापेक्ष 34128 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था।

जिस समय भर्ती निकाली गई थी। सूबे में सपा सरकार थी। जल निगम के अध्यक्ष आजम खां थे। 2017 में सत्ता परिवर्तन हुआ। 2017 में हुई भर्ती अनियमितताओं के आरोप के बाद मार्च 2020 में रद्द कर दी गई। इसके विरोध में 32 याचिकाएं हाईकोर्ट में दाखिल की गई। वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे ने याचिकाकर्ताओं का हाईकोर्ट में पक्ष रखा। न्यायमूर्ति अजीत कुमार की पीठ ने भर्ती रद्द करने के आदेश को 4 अक्तूबर को सुनवाई के बाद पलट दिया।

 



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