अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह

Updated Sun, 29 Sep 2024 05:16 AM IST

यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की अदालत ने याची ओम प्रकाश मिश्रा व एक अन्य की याचिका पर दिया है। याची ने वाराणसी के सीजेएम की अदालत की ओर से दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 246 की कार्यवाही शुरु होने के बाद धारा 244 की कार्यवाही फिर से शुरु करने वाले आदेश को चुनौती दी थी।


High Court said: Criminal trial proceedings are like an aircraft, there is no back gear

अदालत का फैसला।
– फोटो : अमर उजाला।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट में आरोप तय होने के बाद परिवादी का फिर से बयान दर्ज कराने की कार्यवाही शुरु करने के वाले आदेश को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि आपरधिक मुकदमें की कार्यवाही विमान की तरह होती है, जिसमें बैक गेयर नही होता। कार्यवाही के अगले चरण की ओर बढ़ने के बाद बीती कार्यवाही जबरन शुरु करना टैक्टर को पीछे ढकेलने जैसा होगा।

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यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की अदालत ने याची ओम प्रकाश मिश्रा व एक अन्य की याचिका पर दिया है। याची ने वाराणसी के सीजेएम की अदालत की ओर से दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 246 की कार्यवाही शुरु होने के बाद धारा 244 की कार्यवाही फिर से शुरु करने वाले आदेश को चुनौती दी थी।

मामला वाराणसी के कैंट थाना क्षेत्र का है। परिवादी ने याची ओम प्रकाश मिश्रा व मंशा राम मिश्रा के खिलाफ लूट और मारपीट के का परिवाद सीजेएम की अदालत में दाखिल किया था। सीजेएम की अदालत ने पहली बार 24 मई 2023 को धारा 246 सीआरपीसी के तहत आरोप तय किए और फिर उसी तारीख को धारा 244 सीआरपीसी की कार्यवाही शुरु करने का आदेश पारित करते हुए 31 मई 2023 की तारीख नियत कर दी।



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