अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। जीआईएस सर्वे के बाद कई भवनों का गृहकर बढ़ने पर तमाम सवाल उठ रहे हैं। नगर निगम के पास लगातार शिकायतें पहुंच रही थीं। अब महापौर ने फिर से सर्वे कराने के निर्देश दे दिए। कर विभाग की टीम क्षेत्रीय पार्षद के साथ वार्डों में जाकर फिर सर्वे करेगी।
नगर निगम की ओर से करवाया गया जीआईएस सर्वे इसी साल पूरा हुआ है। इससे पहले, नगर निगम में गृहकर के दायरे में आने वाले भवनों की संख्या जहां 1.12 लाख थी। वहीं, इस सर्वे के बाद नगर निगम अब 2.28 लाख भवनों से गृहकर वसूलेगा। सर्वे में 1,24,058 नए भवन गृहकर के दायरे में आ गए हैं।
वहीं, 48,055 ऐसे भवन हैं, जिनका गृहकर 25 फीसदी बढ़ गया है। जीआईएस सर्वे के बाद से लगातार लोग नगर निगम का चक्कर काटकर बढ़े हुए गृहकर को गलत बताते हुए इसे कम करवाने की मांग कर रहे थे। आरोप लगा रहे थे कि मौके से अधिक क्षेत्रफल दिखाकर उनका गृहकर बढ़ा दिया गया है। इस तरह की शिकायतें मिलने पर महापौर बिहारी लाल आर्य ने गृहकर विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। मेयर ने निर्देश दिए कि गृहकर विभाग से संबंधित शिकायतों का समय पर निस्तारण करें।
मेयर ने मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अवधेश कुमार और कर निर्धारण अधिकारी, कर निरीक्षक, राजस्व निरीक्षक को बुलाकर निर्देश दिए कि क्षेत्रीय पार्षद की उपस्थिति में हर वार्ड में गृहकर का फिर से सर्वे कराकर सही गृहकर निर्धारण करें।
ज्यादा पैसा जमा किया तो अगले बिल में होगा समायोजित
मेयर ने बताया कि सर्वे में अगर यह पाया जाता है कि किसी व्यक्ति ने जीआईएस सर्वे की गलत आंकलन के बाद मौके से अधिक क्षेत्रफल का गृहकर जमा कर दिया है तो बचे हुए पैसे को अगले बिल में समायोजित कर दिया जाएगा।