
लाश के साथ सफर
– फोटो : अमर उजाला
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अहमदाबाद से दरभंगा जा रही साबरमती एक्सप्रेस में एक महिला अपने पति को सोता समझकर 12 घंटे तक उसकी लाश के साथ सफर करती रही। पति की नींद न टूट जाए इस फिक्र में कभी पैर दबाती और तो कभी सिर। सफर में कई बार पति के पास लेटी, लेकिन उसको बिल्कुल अंदाजा नहीं हुआ कि पति की सांस थम चुकी है।
साथ में सफर कर रहे यात्रियों ने जब ट्रेन के झांसी पहुंचने से पहले उसके पति की नब्ज टटोल कर सांस थम जाने की बात कही, फिर भी उसे विश्वास नहीं हुआ। झांसी में ट्रेन पहुंचने पर जब रेलवे स्टाफ शव को उतारने पहुंचा, तो उसके होश उड़ गए।
अयोध्या के इनायत नगर थाना इलाके के गांव मझलाई निवासी रामकुमार कोरी (36) सूरत में एक व्यापारी के यहां कार ड्राइवर था। वह अपनी पत्नी प्रेमा और दो बच्चे राज (8) व सावित्री (7) के साथ सूरत में रहने लगा था। करीब 20 दिन पहले रामकुमार एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था।
प्रेमा उसका इलाज करा रही थी, लेकिन अकेले होने की वजह से उसे बार-बार अस्पताल लाने-ले जाने में परेशानी हो रही थी। ऐसे में प्रेमा ने पति रामकुमार और बच्चों को लेकर गांव लौटने का फैसला किया। पति का एक दोस्त सुरेश यादव मदद के लिए साथ चलने को तैयार हो गया।
