IGRS Portal: Varanasi, Lucknow and Ayodhya lag behind in solving problems

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।
– फोटो : amar ujala

विस्तार


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अपने कार्यालय के जरिए राजस्व वादों के निस्तारण की निगरानी कराने का प्रयोग कारगर साबित हुआ है। मई माह की अपेक्षा जून में न सिर्फ 35,489 ज्यादा वाद निस्तारित हुए, बल्कि लक्ष्य के 90 प्रतिशत व 100 प्रतिशत से अधिक निस्तारण वाले जिलों की संख्या भी बढ़ी है।

सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने राजस्व न्यायालय कंप्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली (आरसीसीएमएस) के पोर्टल पर राजस्व वादों के निस्तारण की मई-2023 की रिपोर्ट का अध्ययन कराया। पता चला कि अधिकतर जिलों में डीएम व एडीएम से लेकर अधीनस्थ न्यायालयों तक लक्ष्य के सापेक्ष बहुत कम वाद निस्तारित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस स्थिति पर नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय को राजस्व वादों के निस्तारण की मॉनीटरिंग अपने स्तर से करने के निर्देश दिए थे।

योगी के निर्देश के बाद मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल ने मुख्यमंत्री की नाराजगी का जिक्र करते हुए प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को पत्र लिखा। साथ ही सीएम ऑफिस से वाद निस्तारण की नियमित मॉनीटरिंग की व्यवस्था बनाई। आरसीसीएमएस प्रणाली पर जून माह की समीक्षा का अच्छा असर सामने आया है।

मई और जून की तुलनात्मक स्थिति

– मई में कुल 2,07,615 वाद निस्तारित हुए थे। यह लक्ष्य का 83.76 फीसदी था। जून में 2,43,104 वाद निस्तारित हुए। यह प्रदेश के लक्ष्य का 101.24 प्रतिशत है।

– मई में लक्ष्य से कम वाद निस्तारित करने वाले जिलों की संख्या 55 थी। जून में यह संख्या घटकर 43 रह गई।

– मई में लक्ष्य का 50 प्रतिशत वाद निस्तारित करने वाले जिलों की संख्या 16 थी, जो जून में घटकर मात्र चार रह गई है।

– लक्ष्य से अधिक वाद निस्तारित करने वाले जिलों की संख्या भी बढ़ी है। इस श्रेणी में मई में जहां 20 जिले थे, जून में 32 जिले हो गए।

राजस्व वादों के निस्तारण में लखनऊ अव्वल, शामली फिसड्डी

रिपोर्ट के मुताबिक राजस्व वादों के निस्तारण में लखनऊ ने शानदार उपलब्धि के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया है। लखनऊ ने जून में रिकॉर्ड 11267 वादों का निस्तारण किया है। यह लक्ष्य का 253.19 फीसदी है। लखनऊ मई में 9194 वादों को निस्तारित कर मई में भी शीर्ष पर था। जून में नंबर दो पर शाहजहांपुर (226.46 प्रतिशत) व नंबर तीन पर वाराणसी (193.87 प्रतिशत) है। वहां लक्ष्य का 226.46 प्रतिशत वादों का निस्तारण किया गया। शामली में जून में लक्ष्य का मात्र 37.45 प्रतिशत (749) वाद निस्तारित किया गया। यह प्रदेश में सबसे कम है। जून में गाजीपुर, पीलीभीत, महोबा भी लक्ष्य के 50 फीसदी से भी कम वाद निस्तारण वाले जिलों में शामिल हैं।

वाद निस्तारण में अवध के जिलों की स्थिति

बलरामपुर-140.19 प्रतिशत

बाराबंकी-133.23 प्रतिशत

बहराइच-131.53 प्रतिशत

गोंडा-113.92 प्रतिशत

श्रावस्ती-93.67 प्रतिशत

सुल्तानपुर-82.06 प्रतिशत

अयोध्या-78.23 प्रतिशत

अमेठी- 77.50 प्रतिशत

सीतापुर- 77.20 प्रतिशत

रायबरेली-72.80 प्रतिशत



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *