
पानी
– फोटो : पीटीआई
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यमुना में रहनकलां के पास 5 रेनीवेल बनेंगे। 30 मीटर तक गहराई होगी। नदी के एक्यूफर और सीपेज से इन कुओं में पानी आएगा। जिसे इंटीग्रेटिड मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर (आईएमसी) के लिए सप्लाई किया जाएगा। रेनीवेल की क्षमता प्रतिदिन 2 करोड़ लीटर पानी आपूर्ति की होगी। इनका डिजाइन आईआईटी रुड़की की टीम बना रही है।
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ताजमहल से 20 किमी. दूर इनर रिंग रोड के पास 1059 एकड़ में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) इंटीग्रेटिड मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर बनाएगा। जिसे अमृतसर कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (एकेआईसी) से जोड़ा जाएगा। आईएमसी में पानी आपूर्ति के लिए यमुना में रेनीवेल बनाए जाएंगे। इन रेनीवेल का डिजाइन जलनिगम आईआईटी रुड़की से तैयार करा रहा है। अधिशासी अभियंता एहितशामुद्दीन ने बताया कि आईएमसी के लिए 20 एमएलडी पानी की मांग है। 5-5 एमएलडी क्षमता के 5 रेनीवेल प्रस्तावित हैं। 4 रेनीवेल से पानी आपूर्ति होगी। एक रेनीवेल रिजर्व रहेगा। जिसका इस्तेमाल आकस्मिक स्थिति में सप्लाई के लिए किया जाएगा। उन्होंने बताया कि डिजाइन के लिए प्रस्ताव आईआईटी रुड़की को भेजा है। एक सप्ताह में डिजाइन मिल जाएंगे। जिसके बाद एस्टीमेट बनेगा। मिट्टी और पानी की सैंपलिंग का कार्य शुरू होगा।
उद्योग धंधों की स्थापना को बनेगा आईएमसी
आईएमसी में विभिन्न प्रकार के उद्योग धंधे स्थापित हो सकेंगी। टीटीजेड से एनओसी मिल गई है। रहनकलां के पास इनर रिंग रोड के दोनों किनारों पर आईएमसी को बसाया जाएगा। यहां 600 से अधिक पेड़ हैं। जिनके लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर सुनवाई लंबित है। यूपीसीडा के एक अधिकारी ने बताया कि संशोधित डीपीआर पर सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिल सकती है।
यह होती है रेनीवेल परियोजना
जल निगम के अधिशासी अभियंता एहितशामुद्दीन ने बताया कि रेनीवेल परियोजना में नदी किनारे पर कुएं बनाए जाते हैं। इन कुओं में नदी के एक्यूफर व सीपेज से पानी भरता है। इस पानी को पंप के माध्यम से प्रस्तावित क्षेत्र में सप्लाई किया जाता है। इसके लिए पाइप लाइन का डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क बिछाया जाता है।