
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।
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गोरखपुर जिले की मुंडेरा नगर पंचायत का नाम अब चौरी-चौरा नगर पंचायत होगा। कैबिनेट की बैठक में नगर पंचायत का नाम परिवर्तन करने की मंजूरी दी गई। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि 2022 में चौरी चौरा कांड के 100 वर्ष पूर्ण होने पर सरकार ने चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव मनाया था। गोरखपुर के जिलाधिकारी के प्रस्ताव पर प्रदेश सरकार की ओर से केंद्र सरकार को नगर पंचायत का नाम बदलने की मंजूरी देने का आग्रह किया गया था। केंद्र सरकार की एनओसी मिलने के बाद कैबिनेट ने मुंडेरा नगर पंचायत का नाम बदलकर चौरी-चौरा नगर पंचायत करने की मंजूरी दी है।
कृषि से भू उपयोग औद्योगिक कराने पर परिवर्तन शुल्क खत्म
प्रदेश के औद्योगिक विकास में तेजी लाने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। विकास प्राधिकरणों के अंतर्गत आने वाली कृषि भूमि का भू उपयोग औद्योगिक कराने में एमएसएमई इकाइयों व प्लेज पार्कों (निजी एमएसएमई पार्क) को परिवर्तन शुल्क से मुक्त कर दिया गया है। इससे उद्यमियों की बड़ी रकम बचेगी क्योंकि भू उपयोग परिवर्तन के रूप में प्राधिकरण सर्किल रेट का 25 फीसदी से लेकर 50 फीसदी तक शुल्क लेते हैं। गुरुवार को इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।
प्रदेश में उद्यमिता, रोजगार और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई प्रोत्साहन नीति-2017 में नई इकाइयों की स्थापना के लिए प्रावधान किए गए थे, जिसके तहत विकास प्राधिकरणों के अंतर्गत आने वाली कृषि भूमि के भू उपयोग को औद्योगिक में कराने पर परिवर्तन शुल्क में छूट का प्रस्ताव था। एमएसएमई उद्यम प्रोत्साहन नीति-2022 में इस छूट का प्रावधान नहीं था। इस वजह से प्राधिकरण भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क से छूट नहीं दे रहे थे। अब एक फरवरी 2023 से निजी एमएसएमई पार्क को परिवर्तन शुल्क से मुक्त कर दिया गया है। इस छूट में प्लेज पार्क से एमएसएमई इकाइयों को भी शामिल किया गया है।
इस संबंध में एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने कहा कि नई नीति में प्रावधान न होने के कारण भारी संख्या में उद्यमी प्रभावित हो रहे थे। बड़ी संख्या में इकाइयां लग नहीं पा रही थीं क्योंकि निवेश राशि का बड़ा हिस्सा परिवर्तन शुल्क में ही जा रहा था। कैबिनेट की मंजूरी के बाद औद्योगिक विकास में अप्रत्याशित तेजी आएगी।
