
Jalalun मेडिकल कॉलेज उरई में डीएम ने मरीजों सीधी बातचीत, गंदगी व बाहरी दवाओं पर लगाई फटकार, लापरवाह अधिकारियों पर कार्यवाही
ByParvat Singh Badal (Bureau Chief Jalaun)✍️
Jul 25, 2025 #DM conducted a thorough inspection of the arrangements in various wards
पर्वत सिंह बादल उरई ( ब्यूरो चीफ जालौन)✍️ 🧶 🧶 🧶 🧶 🧶 (उरईजालौन) उरई: जालौन जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने बीती रात राजकीय मेडिकल कॉलेज उरई सहित जिला अस्पताल पुरुष एवं महिला का तीन घंटे से अधिक समय तक औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न वार्डों की व्यवस्थाओं का गहन निरीक्षण कर मरीजों और तीमारदारों से सीधी बातचीत करते हुए जमीनी हालात का आकलन किया। निरीक्षण की शुरुआत इमरजेंसी कक्ष से हुई, जहां भर्ती मरीजों के तत्काल उपचार सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए और चिकित्सकों को ड्यूटी के दौरान यूनिफॉर्म में रहने नेम प्लेट लगाने व मरीजों के साथ संवादशील बने रहने को कहा। लेबर वार्ड में भर्ती प्रसूताओं से भोजन और उपचार की जानकारी ली गई। भर्ती 36 प्रसूताओं में से 19 को कन्याओं का जन्म हुआ, जिस पर जिलाधिकारी ने संबंधित को निर्देशित किया कि एनजीओ एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय कर सभी नवजात बालिकाओं हेतु कन्या सुमंगला योजना के फॉर्म भरवाए जाएं। निरीक्षण के दौरान अस्पताल परिसर में गंदगी, पान मसाला और थूक के निशान, साथ ही बंद पड़े शौचालयों की स्थिति पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने सफाई व्यवस्था प्रभारी के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने के निर्देश के साथ ही परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने और गंदगी फैलाने वालों से जुर्माना वसूली के निर्देश दिए। ऑर्थो वार्ड में मरीजों से संवाद में जिलाधिकारी ने पाया कि ऑपरेशन के लिए उन्हें महंगी दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं और शौचालयों की हालत भी खराब है। जल आपूर्ति बाधित होने के कारण कई टॉयलेट बंद थे। इस पर जिलाधिकारी ने सीएमएस और संबंधित उत्तरदायी वार्ड इंचार्ज और सफाई सुपरवाइजर पर सख़्त कार्रवाई के निर्देश के साथ तत्काल सभी शौचालयों की सफाई और उपयोग के लिए खोले जाने के निर्देश दिए। बाल रोग वार्ड में निरीक्षण के दौरान पाया गया कि ड्यूटी पर तैनात पैरा मेडिकल स्टाफ द्वारा मरीजों की समरी, डायग्नोसिस व फाइल रिकॉर्ड संधारित नहीं किए जा रहे थे। जिलाधिकारी ने डेट-वाइज मरीज समरी और निदान विवरण नियमित बनाए रखने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान वार्ड में भर्ती 10 वर्षीय छात्र पुष्पेंद्र से भी संवाद बात करते हुए उसके शीघ्र स्वस्थ होने की शुभकामनायें दी। ऑर्थो वार्ड में भर्ती रहमान ने जिलाधिकारी को निरीक्षण करते देखा तो कहा कि साहब सुनाई नहीं देता जिस पर जिलाधिकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि सुबह उनके कान के लिए मशीन लगवा दी जाए। सर्जरी वार्ड में तीमारदारों द्वारा दी गई शिकायत पर कि सभी दवाएं बाहर से लिखी जा रही हैं, जिलाधिकारी ने साक्ष्य एकत्र कर जाँच कर बाहरी दवाएं लिखने वाले चिकित्सकों के विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश प्राचार्य एवं चिकित्सालय प्रशासक को दिए। ब्लड बैंक में निरीक्षण के दौरान ब्लड बैंक में पर्याप्त सभी ग्रुप के ब्लड पाए गए । अभिलेखों का रखरखाव भी ठीक पाया गया डॉक्टर भी ड्यूटी पर मुस्तैद थे। सैनिटाइजेशन व्यवस्था न पाए जाने पर उन्होंने तत्काल सफाई एवं संक्रमण नियंत्रण व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए। रात 10 बजे से 12.30 बजे तक जिलाधिकारी ने जिला अस्पताल पुरुष एवं महिला उरई का भी निरीक्षण किया, जहां सभी व्यवस्थाएं संतोषजनक व व्यवस्थित पाई गईं।
जिलाधिकारी ने राजकीय मेडिकल कॉलेज में कार्यरत डॉ. चरक सांगवान (चिकित्सालय प्रशासक/नोडल, आउटसोर्सिंग) एवं डॉ. शैलेन्द्र प्रताप सिंह (कार्यवाहक प्रधानाचार्य) को मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य सेवाओं, सफाई, आउटसोर्सिंग कार्यों और चिकित्सकीय दायित्वों के प्रति अपेक्षित गंभीरता नहीं बरतने पर प्राचार्य को कार्यवाही हेतु निर्देश जारी किए गए ।जिलाधिकारी ने राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को यह भी निर्देशित किया कि प्रबंधन कार्य में लापरवाही बरतने वाले इन सभी उत्तरदायी प्रभारी अधिकारियों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि जनसामान्य एवं मरीजों को बेहतर इलाज, स्वच्छ वातावरण और नि:शुल्क दवाएं मिलना शासन और जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। लापरवाही बरतने वाले किसी भी कार्मिक को बख्शा नहीं जाएगा, मरीजों की सेवा सर्वोपरि है।
