www.a2znewsup.com जिला जालौन क्राईम रिपोर्टर जालौन पर्वत सिंह बादल ✍️

(उरईजालौन) उरई; जनपद जालौन में जिला कारागार में आज जिला विधिक सेवा प्राधिकारण अध्यक्ष जनपद न्यायाधीश लल्लू सिंह के निर्देशन एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव/अपर जिला जज, महेन्द्र कुमार रावत के कुशल मार्गदर्शन में आज जिला कारागार उरई में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में उपस्थित सिद्धदोष/विचाराधीन बन्दियों को महत्वपूर्ण कानूनी जानकारी प्रदान की गयी इस शिविर में चीफ लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल सिस्टम विश्राम सिंह द्वारा धारा- 436ए के लाभ, समयपूर्व रिहाई और बन्दियों के अधिकारों के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 436 ए के अंतर्गत मृत्युदंड दिए जाने जैसे किसी अपराध के अभियुक्त/आरोपी नहीं हैं, और उस अपराध, जिसके आप अभियुक्त हैं के लिए निर्धारित अधिकतम कारावास की अवधि की आधी अवधि पूरी कर ली है, तो जमानत/व्यक्तिगत बंध पत्र पर रिहा किया जाना आपका अधिकार है। इस कार्यक्रम में डिप्टी, लीगल एड डिफन्स काउन्सिल उमेश कुमार मिश्रा द्वारा निरूद्ध बन्दियों को धारा- 436A IPC के अन्तर्गत जमानत होने के पश्चात यदि एक सप्ताह में प्रतिभू दाखिल नहीं हो पाते हैं, तो सम्बन्धित न्यायालय के समक्ष इस आशय का प्रार्थना पत्र देने पर कि वह प्रतिभू दाखिल करने में अक्षम है, न्यायालय से व्यक्तिगत बन्धपत्र पर छोड़े जाने की याचना कर सकते हैं तथा इस हेतु लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल से सहायता ले सकते है तथा असिस्टेन्ट लीगल एड डिफेन्स सिस्टम अभिषेक पाठक द्वारा भी लोक अदालतों, सुलह-समझौता केन्द्र, प्ली वार्गेनिंग स्कीम, स्थायी लोकअदालत और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के डाटा इन्ट्री ऑपरेटर दीपक नरायण द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दी जाने वाली विभिन्न कानूनी सुविधाओं के सम्बन्ध में विस्तार से बताया गया।
इस अवसर पर उपकारापाल अमर सिंह का समेत सिद्धदोष/विचाराधीन बन्दी उपस्थित रहे।