
मैच से पहले राहुल द्रविड़ ने पिच का मुआयना किया था।
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अभी ज्यादा समय नहीं बीता है, जब न्यूजीलैंड-भारत टी 20 और फिर आईपीएल के सात मुकाबलों में इकाना स्टेडियम की पिचों की चहुंओर आलोचना हुई। बीसीसीआई ने यूपीसीए को निर्देश देते हुए स्टेडियम की सभी नौ पिचों को नए सिरे से तैयार करने को बोला। नए पिच क्यूरेटर के निरीक्षण में ग्राउंड का पूरा स्क्वायर खोदकर नए सिरे से पिचें तैयार की गई, लेकिन परिणाम ढाक के तीन पात वाला रहा। विश्वकप के पहले मैच में दक्षिण अफ्रीका द्वारा बनाए 311 रन को छोड़ दिया जाए तो आठ पारियों में कोई भी टीम तीन सौ के आंकड़े को नहीं छू सकी, जबकि विश्वकप के अन्य आयोजन स्थलों में खूब रन बने।
रविवार को टीम इंडिया और विश्व चैंपियन इंग्लैंड के बीच खेले गए वनडे मैच में पिच नंबर चार का उपयोग किया गया। शुरुआत में ही पिच ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया। धीमे ट्रैक पर बल्लेबाजों को रन बनाने में पसीने छूट गए। रही सही कसर, पिच की असमान उछाल ने पूरी कर दी। इस कारण रोहित, विराट, शुममन और केएल राहूल जैसे दिग्गज बल्लेबाजों से सजी भारतीय टीम 229 रन का स्कोर विकेट पर टांग सकी। अब बारी इंग्लैंड के बल्लेबाजों की थी, जो इकाना की असमान हो चली पिच भारतीय पेस बैटरी के बाद कुलदीप यादव और रवींद्र जडेजा का शिकार बने।
बताते चले इस साल 29 जनवरी को भारत-न्यूजीलैंड का मुकाबला खेला गया था। इस मैच में पिच का बर्ताव इतना खराब था कि न्यूजीलैंड की टीम निर्धारित 20 ओवर में आठ विकेट पर सिर्फ 99 रन ही बना सकी। जवाब में भारत ने 19.5 ओवर चार विकेट पर किसी तरह लक्ष्य हासिल किया। मैच के बाद उस समय टीम के कप्तान हार्दिक पांड्या ने इकाना की पिच पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए इसे भयानक बताया था। यही नहीं, मार्च-अप्रैल में यहां आइपीएल के सात मैच खेले गए। इनमें से ज्यादातर मुकाबलों में दुनिया के दिग्गज बल्लेबाज भी रन के लिए संघर्ष करते नजर आए। इसे देखते हुए बीसीसीआई ने कड़ा रुख अपनाते हुए पिच को नए सिरे को तैयार करने को बोला, लेकिन नतीजा सिफर निकला।