
ब्रिटिश सैनिक
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स्वाधीनता के आंदोलन में ब्रिटिश नौकरशाही ने देशभक्तों पर बहुत जुल्म किए, लेकिन इस दमन से कोई व्यवधान नहीं आया, बल्कि इसने स्वाधीनता के यज्ञ में घी का ही काम किया था। अंग्रेजों ने सीधे-सीधे फांसी पर लटकाने, गोली चलाने के अलावा अनेक आंदोलनकारियों को धीमा जहर (स्लो पॉइजन) देकर भी काल के गाल में धकेल दिया था। ऐसे ही एक क्रांतिकारी थे चंद्रभाल जौहरी। शीतला गली में उनका निवास था और उनके पिता का नाम मेवाराम था। इनके बड़े भाई चंद्रधर जौहरी भी स्वाधीनता संग्राम के क्रांतिकारी थे। उन्होंने शहीद गेंदालाल दीक्षित के साथ आंदोलनों में भाग लिया था।