(भारत )     ✍️🧶 भारत आश्चर्य से भरी भूमि है। यहां कई मानव निर्मित और प्राकृतिक चमत्कार मौजूद हैं जो कभी लोगों को भयभीत करने तो कभी-कभी अचंभित करने में सफल रहे हैं। यह हैं ऐसे ही कुछ अविश्वसनीय मामले जो दुनिया के तमाम लोगों को अपने रहस्यों से चकित कर चुके हैं।

तैरते पत्थरों का रहस्य: रामेश्वरम

हिंदू पौराणिक कथाओं में यह वर्णन है कि रावण से अपनी पत्नी सीता को बचाने के लिए, भगवान राम ने रामेश्वरम से एक फ्लोटिंग पुल का निर्माण पाक स्ट्रेट में श्रीलंका तक किया था। यह पुल राम सेतु या एडम ब्रिज के रूप में जाना जाता है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस क्षेत्र के आसपास पाए गए कुछ पत्थर सामान्य पत्थरों की उपस्थिति में होते हुए भी पानी में डालते समय तैरते हैं। इस तरह के फ्लोटिंग पत्थरों की घटना के पीछे कारण अभी तक विभिन्न वैज्ञानिकों द्वारा अध्ययन किए जाने के बावजूद पहचाना नहीं जा सका है।

         भगवान राम ने रामेश्वरम से एक फ्लोटिंग पुल का निर्माण पाक स्ट्रेट में श्रीलंका तक किया था।                                                                     महाबलीपुरम की बेलेंसिंग चट्टान (तमिलनाडु)
लोगों का मानना है कि यह पत्थर भगवान कृष्ण का मक्खन का मटका था जो आसमान से गिरा है। अब यह महाबलीपुरम में एक विशाल चट्टान के रूप में ऐसी ढलान पर रखा है जिसे देखकर लोग चौंक जाते हैं। दरअसल, यह पत्थर एक तीव्र ढलान के किनारे पर रखा है। देखने पर लगता है कि यह पत्थर कभी भी लुढ़क सकता है। ये चट्टान लगभग 20 फीट ऊंची होने का अनुमान है। इसे देखने पर्यटक दूर-दूर से आते हैं। आगंतुक यह देखकर आश्चर्यचकित रह जाते हैं कि इतनी विशाल चट्टान आखिर किस तरह ढलान पर स्थिर रह सकती है। बताते हैं कि 1908 में अंग्रेज हुकूमत ने डर के मारे इस चट्टान को यहां से हटाने का प्रयास किया था कि लेकिन प्रयास व्यर्थ हो गया। यह चट्टान अाज भी ऐसे ही रखी है। कोई नहीं जान पाया है कि आखिर इस कोण पर ये पत्थर कैसे स्थिर है।
महाबलीपुरम में एक विशाल चट्टान के रूप में ऐसी ढलान पर रखा है।                      निराश पक्षियों का रहस्य: जतिंगा (असम)
पूर्वोत्तर में असम के जातींगा गांव में मानसून बीत जाने के बाद एक ऐसा आवरण बनता है की स्थिति धुंध पड़ने के समान हो जाती है और इसी समय गांव एक अजीब घटना का साक्षी बनता है। दरअसल, यहां के स्थानीय और प्रवासी पक्षियों में एक अजीब व्यवहार परिवर्तन देखने को मिलता है। घाटी के सारे परिंदे इस समय विचलित हो जाते हैं और रोशनी की ओर खींचे जाते हैं। लेकिन ये परिंदे इस घाटी से बाहर निकल ही नहीं पाते। थक-हारकर फिर ये जमीन पर उतर जाते हैं। अजीब बात यह है कि ये परिंदे फिर से उड़ान भरने की कोशिश नहीं करते। हालांकि, रहस्यमय रूप से, ऐसी घटना केवल जिंगा रिज की एक विशेष पट्टी पर देखी जाती है, न कि पूरी जगह।
रोशनी की ओर खींचे जाते हैं। लेकिन ये परिंदे इस घाटी से बाहर निकल ही नहीं पाते।                                                           जुड़वां बच्चों का स्थान – कोडिनी (केरला)
जुड़वां बच्चों की पैदाइश के मामले में यूं तो भारत सबसे पीछे है लेकिन केरला का एक गांव इस बात को गलत साबित कर रहा है। जी हां, ये भारत का एक अकेला ऐसा स्थान है जहां सबसे ज्यादा जुड़वां बच्चे पैदा होते हैं। मलप्पुरम जिले के कोडिनी इलाके में न जाने क्या अजीब बात है कि यहां आश्चर्यजनक रूप से जुड़वां बच्चे पैदा होते हैं। वास्तव में, यह कहा गया है कि गांव में जुड़वां लोगों के 200 से अधिक जोड़े हैं और इसमें ऐसे बच्चे भी शामिल हैं जिनकी माताओं का दूर-दूर के इलाकों से परिवारों में विवाह किया गया है। हालांकि डॉक्टरों का मानना है कि क्षेत्र के पानी में कुछ रसायनों की मौजूदगी से ऐसी घटना हो सकती है। हालांकि वास्तविक कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है।
अजीब बात है कि यहां आश्चर्यजनक रूप से जुड़वां बच्चे पैदा होते हैं  भानगढ़ का किला (राजस्थान)
चाहे आपने आत्माओं की पूरी अवधारणा को बकवास समझ कर दिमाग से बाहर फेंक दिया हो, भानगढ़ का किला आपके विचार बदल सकता है। यह किला एक निर्जन क्षेत्र में स्थित है और यहां होने वाली संदिग्ध गतिविधियों के पीछे कई किंवदंतियां हैं। यह किला सुंदर वास्तुकला, हवेली, मंदिर, खंडहर, उद्यान से सज्जित है, और यात्रा के लिए सामान्य जनता के लिए भी खुला है। हालांकि, कई पर्यटकों ने स्वीकार किया है कि इसके वातावरण में एक कुछ संदिग्ध मौजूद है। कईयों ने तो इसमें सीधे आत्माओं की रहस्यमयी आहट सुनने की बात तक कही है। यह भी माना जाता है कि रात में इस जगह जो कोई गया वह कभी जिंदा वापस नहीं लौटा। यहां पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने चेतावनी बोर्ड भी लगाया है जिस पर लिखा है कि सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले भानगढ़ किले में जाना प्रतिबंधित है।

By Parvat Singh Badal (Bureau Chief Jalaun)✍️

A2Z NEWS UP Parvat singh badal (Bureau Chief) Jalaun ✍🏻 खबर वहीं जों सत्य हो

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