Indira Gandhi adamant on getting handcuffed when arrested after Emergency in janta party government

पुराने पन्नों से: गिरफ्तारी के बाद हथकड़ी लगवाने के लिए अड़ गई थीं इंदिरा गांधी
– फोटो : अमर उजाला डिजिटल ग्राफिक

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आपातकाल के बाद सत्ता में आई जनता पार्टी सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भ्रष्टाचार उन्मूलन कानून के तहत गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई ने उनपर दो कंपनियों से 104 जीपें लेने का आरोप लगाया था। इंदिरा ने इस गिरफ्तारी को भी आपदा में अवसर के रूप में इस्तेमाल किया। 

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि गिरफ्तारी से पहले उन्हें हथकड़ी लगाएं। अधिकारी उन्हें गिरफ्तार करने के बाद बड़खल ले जा रहे थे, तो वे रेलवे फाटक पर रुकने के बाद कार से उतर कर पुलिया पर जा बैठीं। उन्हें पुलिया पर बैठा देख वहां लोगों की भीड़ जुट गई। अधिकारियों को उन्हें बड़खल ले जाने का विचार छोड़ना पड़ा।

अमर उजाला में 4 अक्तूबर 1977 को प्रकाशित खबर के अनुसार, इंदिरा ने गिरफ्तारी के बाद न केवल हथकड़ी लगाने के लिए कहा, बल्कि निजी मुचलके से इन्कार कर दिया। उस समय उनके दोनों पुत्र-राजीव और संजय व पुत्रवधू-सोनिया और मेनका भी मौजूद थीं। गिरफ्तारी के बाद 12 विलिंगटन क्रेसेंट स्थित निवास पर भारी भीड़ जमा हो गई। 

इंदिरा गांधी जिंदाबाद के नारे लगने शुरू हो गए। मेनका भी भीड़ के साथ जोशीले नारे लगाने लगीं। बड़खल ले जाते समय इंदिरा के वकील बीआर हांडा उनके पीछे दूसरी कार से चल रहे थे। कार रुकने पर हांडा ने भी कार से उतर कर बड़खल जे जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि इंदिरा को दिल्ली से बाहर नहीं ले जाया जा सकता, क्योंकि उन्हें बिना मजिस्ट्रेट के आदेश के गिरफ्तार किया गया है।

हांडा और सीबीआई के अधिकारियों के बीच काफी बहस हुई। बहस का मुद्दा था किसी गिरफ्तार व्यक्ति को एक अदालत के अधिकार क्षेत्र से दूसरे में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है। इंदिरा गांधी ने भी कानूनी स्थिति जानकर पुलिया से उठने से इन्कार कर दिया। इस बीच वहां एकत्रित उनके समर्थक भी उत्तेजित होकर नारेबाजी करने लगे। उन्होंने कहा कि बड़खल ले जाने के लिए सरकार ने क्या कानून बदल दिया है। आधा घंटे के बाद सीबीआई के अधिकारी इसके बाद उन्हें दिल्ली लौटाने पर सहमत हो गए।



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