शादियों में इस बार मेहमानों को खाना खिलाना महंगा होगा। जीएसटी घटने के बाद भी रेट में कमी नहीं आई है। उल्टे पिछले साल की अपेक्षा 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आटा, घी, चीनी, दाल, बेसन से लेकर डेयरी के सामान पर महंगाई की मार है।

प्रबोधिनी एकादशी के साथ 1 नवंबर से वैवाहिक सीजन शुरू हो जाएगा। घी, रिफाइंड, दूध, पनीर, दालें, सब्जियां महंगी होने के साथ ही चाउमिन, चाट से लेकर सभी खाद्य सामग्रियों पर महंगाई का असर दिख रहा है। दावत 10 से 15 प्रतिशत महंगी हो गई है। बुकिंग कैटरर्स ने प्रति प्लेट 100 से 150 रुपये तक बढ़ा दिए हैं। शादी में बरातियों के लिए जो प्लेट सजाई जाएंगी, उसकी कीमत लोगों को परेशान किए हुए है। साथ ही दूध, दही, पनीर, खोवा के रेट भी पिछले साल की अपेक्षा बढ़ गए हैं। यदि आकलन किया जाए तो 100 लोगों के खाने पर पहले 40 से 50 हजार रुपये का खर्च आता था, लेकिन अब इतने ही लोगों के खाने पर 60 से 80 हजार रुपये का खर्च आएगा।

एक साल में यह आया अंतर

दाल पहले- 9600, अब- 11,200 (रुपये प्रति क्विंटल)

आटा पहले- 1370, अब- 1400 (रुपये प्रति 50 किग्रा.)

चीनी पहले- 2160, अब- 2210 (रुपये प्रति 50 किग्रा.)

तेल पहले- 1880, अब- 1940 (रुपये प्रति 10 लीटर)

चावल पहले- 5700, अब- 6000 (रुपये प्रति क्विंटल)

घी पहले- 9200, अब 9900 (रुपये प्रति 10 किग्रा.)

मैदा पहले- 1470 अब- 1520 (रुपये प्रति क्विंटल)

बेसन पहले- 7200, अब- 7800 (रुपये प्रति क्विंटल)

पनीर पहले- 320, अब- 360 (रुपये प्रति किग्रा.)

दही पहले- 60 अब- 80 से 100 (रुपये प्रति किग्रा.)

खोवा पहले- 200, अब- 240 (रुपये प्रति किग्रा.)

खाद्यान्न कारोबारी सोनू अरोरा का कहना है कि राशन सामग्री की खरीदारी शुरू हो गई है। पिछले साल की अपेक्षा इस बार 10 से 15 प्रतिशत महंगाई है। बावजूद इसके खरीदारी पर कोई फर्क नहीं है। लोग अपने बजट अनुसार सामान की खरीदारी कर रहे हैं।

डेयरी कारोबारी मनोहर हीरवानी का कहना है कि दूध, दही, पनीर के साथ खोवा का उपयोग शादी के भोजन में खूब किया जाता है। इसकी खरीदारी उसी दिन होती है। इन सामानों पर 10 से 20 प्रतिशत की वृद्धि पिछले साल से अधिक है।

 



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