installed smart meters with single SIM instead of double SIM on feeders In UP demand for CBI investigation

स्मार्ट मीटर। (सांकेतिक)
– फोटो : अमर उजाला।

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उत्तर प्रदेश के बिजली फीडरों पर डबल सिम के स्मार्ट मीटर लगाने के बजाय सिंगल सिम वाले स्मार्ट मीटर लगा दिए गए हैं। इसके पीछे मीटर कंपनियों की ओर से करोड़ों रुपये की हेराफेरी बताई जा रही है। हालत यह है कि मामला पकड़ में आने के बाद भी मीटर लगाने वाली कंपनियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसे में उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए मामले की सीबीआई अथवा अन्य किसी उच्च स्तरीय एजेंसी से जांच कराने की मांग की है।

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उन्होंने पावर कॉर्पोरेशन के निदेशक (वाणिज्य) और केंद्र सरकार के रुरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन लि. के क्षेत्रीय कार्यालय को भेजे गए पत्र में बताया कि केंद्र सरकार की स्पष्ट गाइडलाइन है कि फीडरों पर डबल सिम वाले स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। सभी निगमों में 27,395 फीडर हैं। इसमें 21,082 फीडरों पर डबल के बजाय सिंगल सिम वाले स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा दिए गए हैं। 

विद्युत आपूर्ति का आंकलन किया जा सकेगा

केंद्र सरकार की गाइडलाइन है कि डबल फीडर लगने से औसत विद्युत आपूर्ति का आंकलन किया जा सकेगा। यदि एक कंपनी का सिम का नेटवर्क काम नहीं करेगा तो तत्काल ऑटो स्विच के आधार पर दूसरे सिम से लगातार डाटा प्राप्त होगा। इससे संबंधित फीडर कब बंद हुआ, कब चालू हुआ, इसका पूरा डाटा रहेगा।

कंपनियों से मिलीभगत का आरोप

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि कॉर्पोरेशन प्रबंधन और मीटर लगाने वाली कंपनियों के बीच मिलीभगत है। क्योंकि डबल सिम और सिंगल सिम के मीटरों के मूल्य में करीब एक से दो हजार रुपये का अंतर होगा। ऐसे में डबल सिम के बजाय सिंगल सिम लगाकर करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई है।

डिस्कॉम फीडर सिंगल सिम वाले स्मार्ट मीटर

  • पूर्वांचल 5,187  –    4,596
  • मध्यांचल 4,655    –   1,745
  • पश्चिमांचल 9,996   –   9,349
  • दक्षिणांचल 7,557  –  5,392
  • कुल 27,395  –    21,082



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