कानपुर में 10 साल पहले हुए ईशा हत्याकांड में दोषी पूर्व दरोगा ज्ञानेंद्र सिंह को अपर जिला जज चतुर्थ शुचि श्रीवास्तव ने उम्रकैद और 60 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। ईशा की हत्या सिर धड़ से अलग करके की गई थी। पुलिस को उसका धड़ तो मिल गया था, लेकिन सिर बरामद नहीं हो सका था। सबूत के अभाव में पांच अन्य आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है। ज्ञानेंद्र ने आठ जून 2015 को कोर्ट में समर्पण किया था और तब से वह जेल में ही बंद था।

loader


काकादेव के नवीननगर निवासी विनीता सचान की बेटी ईशा ने मूसानगर थानाध्यक्ष रहे चित्रकूट निवासी ज्ञानेंद्र सिंह से 10 मार्च 2013 को शादी की थी। इसी साल उन्हें एक बच्चा भी हो गया, लेकिन अचानक एक दिन ईशा को ज्ञानेंद्र के पहले से शादीशुदा होने की जानकारी मिली, तो दोनों में विवाद हुआ। ईशा मायके आ गई फिर वर्ष 2015 में ईशा के मामा ने अपने घर पर दोनों को बुलाकर समझौता करा दिया। 18 मई 2015 को ज्ञानेंद्र ईशा के मायके पहुंचा और मां विनीता सचान से उनकी कार लेकर ईशा को मुक्तादेवी मंदिर में दर्शन कराने की बात कहकर साथ ले गया।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *