
Jalalun”जल सुरक्षित तो कल सुरक्षित” भूजल सप्ताह पर जनपद में जनजागरूकता मनाया जाएगा
ByParvat Singh Badal (Bureau Chief Jalaun)✍️
Jul 22, 2025 #So far 7.52 lakh people have been administered the oath of water conservation
पर्वत सिंह बादल उरई (ब्यूरो चीफ जालौन)✍️ 🧶 🧶 🧶 🧶 🧶 (उरईजालौन) उरई: जनपद में आज “जल सुरक्षित तो कल सुरक्षित” भूजल सप्ताह पर जनपद में जनजागरूकता मनाया जाएगा । जनपद में 16 से 22 जुलाई तक भूजल सप्ताह का आयोजन “जल सुरक्षित तो कल सुरक्षित” विषयवस्तु पर किया गया, जिसके अंतर्गत जिलेभर में जल संरक्षण को लेकर जनजागरूकता अभियान एवं विभिन्न प्रकार की व्यापक गतिविधियाँ संचालित की गई ।
जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार उरई में समीक्षा बैठक आयोजित हुई, जिसमें उन्होंने गिरते भूजल स्तर को रोकने और और जलस्तर को बढ़ाने पर अपने विचार व्यक्त करते हुए इसके संरक्षण और विवेकपूर्ण उपयोग के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग को जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया।
जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में भूजल संरक्षण को लेकर विभिन्न स्तरों पर प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं, जिनमें नून नदी का पुनरोद्धार, ग्राम पंचायतों में वाटर बजटिंग, जल संरक्षण कार्यों को ग्राम विकास योजनाओं से जोड़ना, फसल चक्र आधारित खेती को प्रोत्साहन, स्प्रिंकलर जैसी सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों को अपनाना, और रेन वाटर हार्वेस्टिंग जैसे अनेक कार्य शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जनपद में 600 से अधिक कार्यशालाएं, पोस्टर प्रतियोगिताएं, नुक्कड़ नाटक, मॉडल प्रदर्शनी और विद्यालयों में संवाद कार्यक्रम आयोजित कर अब तक 7.52 लाख लोगों को जल संरक्षण की शपथ दिलाई जा चुकी है। जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में ‘पानी पंचायत समिति’ का गठन किया गया है, जिन्होंने स्वयं अपने ग्राम का जल बजट तैयार कर फसल चक्र, सिंचाई विधियों और भूजल रिचार्ज संरचनाओं के निर्माण व रखरखाव का कार्य किया है। इससे न केवल स्थानीय स्तर पर स्वामित्व की भावना को बल मिला है, बल्कि पारदर्शिता एवं सहभागिता का बेहतरीन उदाहरण भी प्रस्तुत हुआ है।महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु ‘जल सहेली’ द्वारा कैच द रेन योजना के तहत महिला समूहों को प्रशिक्षित कर उन्हें वर्षाजल संचयन, जल गुणवत्ता निगरानी और संरचनाओं की देखरेख का जिम्मा सौंपा गया है, जिससे महिला सशक्तिकरण को भी नई दिशा मिली है। “हर घर एक जल प्रहरी” की अवधारणा को जमीनी स्तर पर लागू कर जल सरंक्षण को जन आंदोलन का रूप दिया गया है।कार्यक्रम में उद्यमी, व्यापारी,कृषक एवं कृषक प्रतिनिधि सामाजिक एवं स्वैकच्छिक संगठनों के प्रतिनिधिगण सहित सैकड़ों लोगों ने प्रतिभाग किया ।
इस अवसर पर सहायक अभियंता लघु सिंचाई सुरेंद्र सिंह जादौन, भूगर्भ वैज्ञानिक भरतदीप, समाजसेविका रेखा वर्मा, परमार्थ संस्था से वरुण सिंह और अनुरागिनी संस्था के प्रतिनिधि राम कुमार सिंह जादौन, प्रगतिशील किसान लक्ष्मी नारायण चतुर्वेदी सहित अन्य सभी संगठनों ने भी सक्रिय सहभागिता का निर्वहन किया ।