विजिलेंस टीम ने बुधवार को कदौरा ब्लॉक की बीडीओ प्रतिभा शाल्या को एक लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों उन्हीं के आवास से गिरफ्तार कर लिया। वह ठेकेदार से स्कूल में कराई गई इंटरलॉकिंग के भुगतान के एवज में यह रकम ले रहीं थीं। टीम ने कदौरा थाने में बीडीओ के खिलाफ भ्रष्टाचार की रिपोर्ट दर्ज कराई है। टीम बीडीओ को लखनऊ ले गई है।
शिकायतकर्ता विवेक सिद्धार्थ ने बताया कि विवान कंट्रेक्शन एंड सप्लायर्स नाम से उसकी फर्म है और वह ठेका लेता है। उसने धमना स्थित परिषदीय विद्यालय परिसर में नौ लाख 86 हजार रुपये की लागत से इंटरलॉकिंग का कार्य कराया था। कार्य पूरा होने के बाद भुगतान फाइल चार महीने से लंबित थी। उसने इस बारे में बीडीओ प्रतिभा शाल्या से बात की तो उन्होंने एक लाख रुपये की मांग की। ठेकेदार ने 20 दिन पहले झांसी की विजिलेंस टीम से शिकायत की थी।
सतर्कता विजिलेंस टीम के प्रमुख पीयूष पांडे ने बताया कि बीडीओ के खिलाफ गुप्त सूचना मिली थी। इसके बाद से ही टीम निगरानी करने में लगी थी। बुधवार को टीम ने बीडीओ के आवास पर छापा मारकर रिश्वत के एक लाख रुपये लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोपी बीडीओ को प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट कोर्ट लखनऊ में गुरुवार को पेश किया जाएगा।
सरकारी आवास पर छापा, विजिलेंस टीम ने मौके से बरामद की रिश्वत की रकम
सूत्रों के मुताबिक बुधवार को पूर्व निर्धारित योजना के तहत ठेकेदार ने बीडीओ प्रतिभा शाल्या को भुगतान के नाम पर सरकारी आवास पर बुलाया था। ठेकेदार ने कार्यालय में पर्ची देकर मैडम, आवास पर आओ लिखकर उन्हें बुलाने का संकेत दिया था। इसी दौरान झांसी से आई सतर्कता विजिलेंस टीम आवास के आसपास पहले से ही तैनात थी और पूरे घटनाक्रम पर नजर रख रही थी। जैसे ही बीडीओ ने ठेकेदार से एक लाख रुपये लिए, विजिलेंस टीम तुरंत हरकत में आई और उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया। टीम सिविल ड्रेस में थी, जिससे बीडीओ को संदेह हुआ और उन्होंने पकड़े जाने के डर से रुपये फेंकने का प्रयास भी किया लेकिन टीम ने मौके से पूरी रकम बरामद कर ली।
टीम ने जब बीडीओ को अपने साथ चलने के लिए कहा तो उन्होंने विरोध जताया और बाहर की ओर दौड़ने लगीं। इस पर टीम की महिला कांस्टेबल किरण पाल और हेमलता ने उन्हें दौड़कर पकड़ लिया और समझाते हुए सरकारी गाड़ी में बैठाया। इसके बाद विजिलेंस टीम बीडीओ को पास के थाने लेकर पहुंची, जहां कागजी कार्रवाई और पूछताछ की प्रक्रिया शुरू हुई। टीम में इंस्पेक्टर शेषमणि त्रिपाठी, अतुल कुमार के साथ अन्य टीम मौजूद रहे।
