
पर्वत सिंह बादल उरई ( ब्यूरो चीफ जालौन)✍️
🧶(उरईजालौन) उरई: आज दानवीर भामाशाह की जयंती के अवसर पर प्रदेश सरकार द्वारा घोषित व्यापारी कल्याण दिवस-2025 के अंतर्गत विकास भवन के रानी लक्ष्मीबाई सभागार उरई में भव्य व्यापारी संगोष्ठी एवं भामाशाह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री जी का लखनऊ से सीधा लाइव उद्बोधन भी उपस्थितजनों द्वारा सुना गया।
कार्यक्रम में सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा, माधौगढ़ विधायक मूलचंद्र निरंजन, कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी, जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय तथा जल शक्ति मंत्री के प्रतिनिधि अरविंद चौहान, विधान परिषद सदस्य के प्रतिनिधि मयंक त्रिपाठी सहित अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारीगण उपस्थित रहे।
समारोह में जनपद के पाँच सर्वाधिक करदाता व्यापारियों को सम्मानित किया गया। साथ ही स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी टैक्स देने वाली प्रेरणादायी महिलाओं को भी आत्मनिर्भरता की दिशा में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मान प्रदान किया गया।कार्यक्रम के माध्यम से व्यापारियों के हितों, उनकी सुरक्षा और कल्याण से जुड़ी योजनाओं पर भी प्रकाश डाला गया। दानवीर भामाशाह का जन्म 29 जून 1547 को राजस्थान के मेवाड़ राज्य के सादड़ी (जिला पाली) में ओसवाल जैन परिवार में हुआ था। वे महाराणा प्रताप के परम विश्वासपात्र और राजकोषाध्यक्ष थे। हल्दीघाटी युद्ध के बाद जब महाराणा प्रताप समूची सम्पत्ति गंवा चुके थे और परिवार सहित पहाड़ियों में संघर्ष कर रहे थे, तब भामाशाह ने अपनी सम्पूर्ण धन-संपदा अर्पित कर दी। कहा जाता है कि उनके द्वारा दिया गया दान 25000 सैनिकों का बारह वर्षों तक पालन-पोषण करने के लिए पर्याप्त था।भामाशाह का यह अद्वितीय त्याग और समर्पण महाराणा प्रताप को फिर से संगठित होकर मेवाड़ की अस्मिता की रक्षा करने का बल दे गया। उन्होंने दिल्ली के तख्त का लालच ठुकराकर मातृभूमि के स्वाभिमान की रक्षा की। भामाशाह की दानशीलता और आत्मोत्सर्ग ने उन्हें इतिहास में अमर कर दिया। उनकी प्रेरक गाथा को अमर रखने हेतु छत्तीसगढ़ और राजस्थान सरकार द्वारा अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके जन्मदिवस 29 जून को ‘व्यापारी कल्याण दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है, जो एक ऐतिहासिक गौरव और व्यापारियों के प्रति सम्मान का प्रतीक है।
इस अवसर पर उपायुक्त स्वतः रोजगार महेंद्र चौबे, सहायक उपायुक्त आशीष मिश्रा, व्यापारी दिलीप सेठ, सन्तोष गुप्ता आदि व्यापारी व जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
