रिपोर्ट विजय विजय द्विवेदी जगम्मनपुर ✍🏻

(उरईजालौन) जिला जालौन में जगम्मनपुर: कंजौसा मौजें दबंग किसान द्वारा अपने खेत के कृषि अवशेष में आग लगाने से भडकी ज्वाला में बड़ा कृषि क्षेत्र धूं-धूं कर सुलग उठा परिणाम स्वरूप गौशाला का भूसा बनने के लिए सुरक्षित लगभग 50 बीघा गेहूं के खेतों की पराली सहित लगभग 150 बीघा खेतों की नरई जलकर राख हो गई ।
रामपुरा थाना अंतर्गत जगम्मनपुर के निकट कृषि क्षेत्र कंजौसा मौजे में एक दबंग किसान ने अपने खेत की घास फूस व गेहूं के अवशिष्ट पराली को आग लगा दी परिणाम स्वरूप आसपास खेतों की पराली व मेंढ़ों पर खडें अनेक नवोदित पेड़ जलकर राख हो गए। इस घटना में जगम्मनपुर गौशाला के लिए भूसा बनाने हेतु सुरक्षित लगभग 50 बीघा खेतों की पराली जलकर राख हो गई जिससे लगभग 150 कुंतल भूसा तैयार हो सकता था । बताया जाता है कि कंजौसा कृषि क्षेत्र में ग्राम भिटौरा, जगम्मनपुर, जायघा आदि गांवों के सैकड़ो किसानो की खेती है उसी में ग्राम भिटौरा के एक दबंग का खेत है । आसपास के किसानों के अनुसार उक्त दबंग ने रविवार की दोपहर लगभग एक बजे अपने खेत में घास फूस एवं फसल के अवशेष को नष्ट करने के लिए आग लगा दी , तेज धूप के कारण आग ने प्रचंड रूप धारण कर लिया जिससे उक्त मौजे की लगभग 150 बीघा या इससे अधिक कृषि क्षेत्र में गेहूं के फसल की अवशेष पराली जलकर राख हो गई । इस घटना में जगम्मनपुर गौशाला के लिए किसानों से खरीदी गई पचास बीघा की पराली सहित अनेक छोटे-बड़े किसानों की लगभग 150 बीघा खेतों की पराली जलकर भस्म हो गई। ग्राम प्रधान जगम्मनपुर प्रज्ञादीप गौतम ने बताया कि खेतों में गेहूं फसल के अवशिष्ट पराली का भूसा बनाने का क्रम जारी है । एक मशीन द्वारा प्रतिदिन 7-8 ट्राली भूसा बनवाया जा रहा है । इस घटना में गौशाला की गायों को खिलाने के लिए खरीदी गई पचास बीघा पराली जलकर राख हो गई यदि पांच-छै दिन का मौका मिल जाता तो उक्त खेतो से पराली का भूसा बन जाता लेकिन दबंग द्वारा गैर जिम्मेदाराना ढंग से अपने खेत के अवशिष्ट में आग लगाकर आसपास के खेतों को आग में झोंक दिया जिससे सैकडों बेजुबान गायों का लगभग दो माह का भूसा जलकर राख हो गया।प्रधान गौतम ने बताया कि आग लगने की सूचना मिलते ही वह अपने पंचायत एवं गौशाला के कर्मचारियों सहित गांव के किसानों को लेकर मौके पर पहुंच आग पर नियंत्रण का प्रयास किया व समीप के ट्यूबवेल को चालू करवा कर पाईप लाईन की मदद से दूर तक पानी पहुंचाकर बमुश्किल आग पर काबू पाया, यदि तेज हवा चल रही होती तो गौशाला में संग्रहित हजारों कुंतल भूसा जलकर नष्ट हो जाता एवं बाउंड्री के अंदर बंद गौवंश व गायों के जीवन को बड़ा खतरा उत्पन्न हो जाता ।

By Parvat Singh Badal (Bureau Chief Jalaun)✍️

A2Z NEWS UP Parvat singh badal (Bureau Chief) Jalaun ✍🏻 खबर वहीं जों सत्य हो

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *