
पर्वत सिंह बादल उरई जालौन ✍🏻
(उरईजालौन)उरई: जनपद वरिष्ठ सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी(प्रशा०/प्रर्व०) सुरेश कुमार ने बताया कि जनपद में संचालित समस्त विद्यालयों के संचालकों/प्रबन्धक / प्रधानाध्यापक / प्रधानाचार्य को सूचित किया जाता है कि आपके विद्यालय में जो वाहन छात्र-छात्राओं को लाने व ले जाने हेतु लगे हुये हैं, ऐसे समस्त विद्यालयी वाहन समस्त मानको को पूर्ण करने के उपरान्त ही संचालित हों। साथ ही यह भी निर्देशित किया जाता है कि विद्यालयी वाहनों में क्षमता से अधिक छात्र-छात्रायें न बैठाये जायें। अगर मार्ग चैकिंग के दौरान ऐसा कोई भी वाहन क्षमता से अधिक बच्चों को लाते या ले-जाते पाया जाता है तो उक्त वाहन के साथ-साथ विद्यालय प्रबन्धन के विरुद्ध भी नियमानुसार विधिक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। इस सम्बन्ध में पूर्व में भी समाचार-पत्रों व पत्राचार एवं नोटिसों का प्रेषण कर जनपद के समस्त विद्यालयों के संचालकों/प्रबन्धकों/ प्रधानाध्यपकों प्रधानाचार्यों को सूचित किया जा चुका है। परन्तु संज्ञान में आया है कि कुछेक विद्यालयों द्वारा उक्त आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है और मासूम बच्चों की जिन्दगी के साथ खिलबाड़ किया जा रहा है।
जनपद में पंजीकृत / पृष्ठांकित ऐसे वाहन जिनकी फिटनेस समाप्त हो चुकी है मोटर वाहन अधिनियम 1988 संगत केन्द्रीय मोटर यान नियमावली 1989 के साथ पठित उत्तर प्रदेश मोटरयान नियमावली 1998 में वाहनों के लिए विशेष उपबन्धों का अनुपालन करने के सम्बन्ध में सफल नहीं हैं, और ऐसे वाहन का संचालन इसमें यात्रा करने वाले के साथ-साथ जनसामान्य के लिए भी अत्यन्त खतरनाक है। उक्त अधिनियम की धारा 53 (1) के तहत सम्बन्धित वाहन स्वामियों को इस कार्यालय द्वारा पूर्व में इस सम्बन्ध में नोटिस प्रेषित किया गया था परन्तु उनके द्वारा अभी तक अपने वाहन की फिटनेस नहीं करायी गयी है। पूर्व में प्रेषित नोटिस के माध्यम से भी वाहन स्वामी से यह अपेक्षा की गयी थी कि सम्बन्धित वाहन की फिटनेस / परमिट का नवीनीकरण करवा लें अन्यथा की दशा में अग्रेत्तर विधिक / प्रवर्तन की कार्यवाही कर दी जाएगी।
अतः जनपद के समस्त वाहन स्वामियों एवं समस्त विद्यालयों के प्रधानाचार्य/प्रधानाध्यापक / स्कूल प्रबन्धकों को निर्देशित किया जाता है कि जिन वाहनों की फिटनेस की वैधता समाप्त हो गयी है, उन वाहनों के फिटनेस की जाँच हेतु वाहन को उप सम्भागीय परिवहन कार्यालय में प्रस्तुत कर अपने वाहन का स्वस्थता प्रमाण पत्र (फिटनेस) अवश्य प्राप्त कर लें एवं जिन वाहनों के परमिट, बीमा, प्रदूषण की वैधता समाप्त हो गयी है वह इन प्रपत्रों का नवीनीकरण करा लें तथा जिन वाहनों की आयु पूर्ण हो गयी है वह उप सम्भागीय परिवहन कार्यालय में पंजीयन निरस्तीकरण हेतु आवेदन कर अपने वाहन के पंजीयन का निरस्तीकर प्रत्येक दशा में कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने स्कूल बस/वैन हेतु विशेष नियम के सम्बंध में बताया कि वाहन पीले रंग का हो, स्कूल का नाम लिखा हो, बसों में 02 एवं वैन में 01 अग्निशमन यंत्र अवश्य हो, फर्स्ट एड बॉक्स अवश्य हो, गति सीमा यंत्र लगा हो, नियमानुसार सीट बेल्ट का प्रावधान हे, प्रेशर हॉर्न / मल्टीटोन हॉर्न न लगा हो, स्कूल बसों में आपातकालीन खिड़की / द्वार अवश्य हों, स्कूल बसों की खिड़की पर स्टील की छड़ क्षैतिज लगी हो, स्कूल बसों में सीट के नीचे स्कूल वैन रखने की जगह हो, बसों के प्रवेश द्वार पर हैण्डरेल लगा हो, वाहन पर पुलिस, फायर, एम्बुलेंस, हॉस्पिटल, प्रबन्धक, प्रधानाचार्य, चालक, परिचालक का नम्बर अंकित होना अनिवार्य है।