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रिपोर्ट विजय द्विवेदी जगम्मनपुर ब्यूरो चीफ ✍🏻

(उरईजालौन)जगम्मनपुर: ग्राम पंचायत की बहुमूल्य दो एकड़ से अधिक जमीन पर सरकार के करोड़ों रुपए की लागत से निर्मित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज भवन अध्यापकों एवं छात्राओं की पर्याप्त संख्या ना होने से अनुपयोगी सिद्ध हो रहा है।
जनपद जालौन में उरई मुख्यालय से 65 किलोमीटर दूर इटावा, औरैया ,भिंड बॉर्डर पर विकासखंड रामपुरा की सर्वाधिक बड़ी आबादी वाली ग्राम पंचायत जगम्मनपुर की बहुमूल्य जमीन पर सरकार के करोड़ों रुपए की लागत से निर्मित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज अपने वजूद की रक्षा में अत्यधिक संघर्ष करता दिख रहा है।  किसी राजकीय इंटर कॉलेज में कक्षा 9 से कक्षा 12 अर्थात चार क्लास में विभिन्न विषयों को पढ़ाई जाने हेतु मानक के अनुसार दस प्रवक्ता, सात सहायक अध्यापक एवं स्टाफ के रूप में चार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी एवं दो लिपिक होना चाहिए लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा नीति को पलीता लगाते हुए राजकीय बालिका इंटर कॉलेज जगम्मनपुर में प्रधानाचार्य के रूप में हेमलता गौतम एवं सहायक अध्यापक के रूप में रुचि गुप्ता व रेखा वर्मा अर्थात 17 की संख्या के सापेक्ष मात्र तीन शिक्षका (प्रधानाचार्य+सहायक अध्यापक) ही यहां पर कार्यरत हैं, वहीं दो लिपिक के सापेक्ष एकमात्र अख्तर जलील वरिष्ठ लिपिक एवं चार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के सापेक्ष मात्र दो कर्मचारी कार्यरत हैं। 

ग्रामीणों के सपने हुए चकनाचूर
जब राजकीय बालिका इंटर कॉलेज स्थापित करने के लिए शासन द्वारा जगम्मनपुर ग्राम पंचायत से जगह की मांग की जा रही थी उसे समय गांव के लोगों को लग रहा था कि अब जगम्मनपुर की बेटियों को बेहतर शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह रही कि लगभग एक हेक्टेयर बहुमूल्य जगह पर करोड़ों की लागत से बना शिक्षा का यह सरकारी भवन गांव एवं क्षेत्र के लिए मात्र सफेद हाथी साबित हुआ है। राजकीय बालिका इंटर कॉलेज भवन निर्माण के बहुत समय तक तो कोई शिक्षका नियुक्त नहीं हुई और जो नियुक्त हुई वह आयी नहीं परिणाम स्वरूप इस इंटर कॉलेज का शुभारंभ भी इतना खराब हुआ कि गांव व क्षेत्र के लोगों को पता ही नहीं है कि यहां कोई राजकीय बालिका इंटर कॉलेज जैसा कोई बड़ा विद्यालय भी संचालित है।  वर्तमान में प्रधानाचार्य हेमलता गौतम एवं सहायक अध्यापिका रुचि गुप्ता व रेखा वर्मा तथा अख्तर जलील वरिष्ठ लिपिक, बृजभान सिंह सेंगर एवं अनुपम रूसिया परिचारक भले ही विद्यालय में समय से व नियमित आते हो लेकिन स्टाफ की कमी एवं इंटर कॉलेज के प्रति क्षेत्रीय लोगों के मन में विश्वास की कमी के कारण चार कक्षाओं में मात्र 43 छात्राओं की संख्या ऊंट के मुंह में जीरा के समान है।
उक्त संदर्भ में प्रधानाचार्या हेमलता गौतम से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि हमारे यहां शिक्षकों की कमी के बावजूद छात्राओं को बेहतर शिक्षा देने का प्रयास किया जा रहा है। इंटर कॉलेज में विज्ञान वर्ग में मैथ एवं बायोलॉजी आदि सभी विषयों एवं कला वर्ग में मनोविज्ञान इतिहास अर्थशास्त्र आदि अति महत्वपूर्ण विषयों की शिक्षा प्रदान की जाती है।

जूनियर हाई स्कूल व आंगनबाड़ी का कब्जा
राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में दो आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है जबकि जगम्मनपुर गांव में आंगनवाड़ी संचालन के लिए जगह-जगह आठ भवन बने हैं लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ती स्थानीय निवासी होने के कारण राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के स्टाफ रूप में जवरन कब्जा जमाए बैठे हैं वहीं जूनियर हाई स्कूल की प्रधानाध्यापिका ने भी इसी कॉलेज में कब्जा जमा रखा है एवं इसी भवन में अपने किराए की शिक्षिकाओं के द्वारा कक्षा एक से कक्षा आठ तक के छात्र-छात्राओं को घेर कर बैठाने का काम किया जा रहा है परिणामस्वरूप इस कॉलेज में अल्पसंख्या की इंटरमीडिएट तक की छात्राओं को शोरगुल के कारण पढ़ने में असुविधा होती है वहीं अध्यापिकाओं को भी इंटर कॉलेज की लाइब्रेरी को स्टाफ रूम के रूप में प्रयोग करना पड़ रहा है। 

घटिया निर्माण से इंटर कॉलेज भवन बदहाल
राजकीय बालिका इंटर कॉलेज जगम्मनपुर के निर्माण करने वाले ठेकेदार ने इतना घटिया निर्माण किया कि अनेक जगह से बाउंड्री ध्वस्त हो गई, विज्ञान लैब का कबाड़ा हो गया, अतिरिक्त कक्ष ध्वस्त हो गए,  इन ध्वस्त हुए निर्माणों को जैसा का तैसा छोड़कर नया निर्माण कराया जा रहा है।

By Parvat Singh Badal (Bureau Chief) Jalaun✍️

A2Z NEWS UP Parvat singh badal (Bureau Chief) Jalaun ✍🏻

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