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- जिला क्राईम रिपोर्टर जालौन पर्वत सिंह बादल ✍🏻
(उरई जालौन) उरई : जनपद न्यायाधीश अचल सचदेव द्वारा फीता काटने के उपरान्त मां सरस्वती पर माल्यार्पण करके दीप प्रज्ज्वलित करते हुये राष्ट्रीय लोक अदालत का विधिवत् उद्घाटन किया गया। जनपद की सभी तहसीलों मे स्थित दीवानी न्यायालयों में भी उक्त आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। साथ ही जनपद न्यायाधीश द्वारा हिन्दी दिवस के मौके पर हिन्दी पखवाड़ा 14 सितम्बर से 21 सितम्बर 2024 तक मनाने के कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम में जनपद न्यायाधीश के अलावा प्रधान न्यायाधीश मनोज कुमार गौतम, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के पीठासीन अधिकारी अनिल कुमार वशिष्ठ, जालौन जिलाधिकारी राजेश पाण्डेय, जालौन पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश सिंह व समस्त न्यायिक अधिकारीगण उपस्थित रहें।
राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारित वादों की जानकारी देते हुए सचिव/अपर जिला जज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजीव सरन द्वारा बताया गया कि आज जनपद न्यायाधीश अचल सचदेव के कुशल मार्गदर्शन में सम्पन्न हुई राष्ट्रीय लोक अदालत में जिला जज द्वारा 42 मुकदमों का निस्तारण किया गया एवं मु. 41908101 रूपये धनराशि पक्षकारों को दिलायी गयी। उनके द्वारा अवगत कराया गया कि आज लोक अदालत में कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश मनोज कुमार सिंह गौतम द्वारा 32 मुकदमों का निस्तारण करते हुये भरण पोषण के मामलों में 1142500 रुपये पीड़ित महिलाओं को दिलाये। इनके द्वारा 04 वैवाहिक मामले प्रीलिटिगेशन स्तर के भी निपटाये गये। अपर कुटुम्ब न्यायाधीश श्रीमती अमृता शुक्ला द्वारा 78 मुकदमों का निस्तारण किया गया। उन्होंने भरण पोषण के मामलों में 1275500 रुपये पीड़ित महिलाओं को दिलाये। इनके द्वारा 06 वैवाहिक मामले प्रीलिटिगेशन स्तर के भी निपटाये गये। उन्होंने प्री-लिटिगेशन के मामलों में 2860000 रुपये पीड़ित महिलाओं को दिलाये। उनके द्वारा इन वादों में उभय पक्ष के मध्य सौहार्दपूर्ण समझौता कराया गया। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के पीठासीन अधिकारी अनिल कुमार वशिष्ठ द्वारा 65 मामलों में विपक्षी बीमा कम्पनियों से पीड़ित याचीगण को 6100000 रुपये धनराशि क्षतिपूर्ति के रूप में दिलायी गयी। जिला उपभोक्ता संरक्षण आयोग के अध्यक्ष विनोद कुमार द्वारा 06 मुकदमो का निस्तारण करते हुये 904262 रुपये याचीगण को दिलवाये गये। इसी क्रम में स्थायी लोक अदालत (पीयूएस) के अध्यक्ष श्री राजवर्धन गुप्ता द्वारा भी 04 मुकदमा में पक्षकारों के मध्य सुलह कराते हुये उन्हें विवाद से राहत प्रदान की गयी।
अपर जिला जज-प्रथम शिवकुमार द्वितीय द्वारा 03, विशेष न्यायाधीश (एससी/ एसटी एक्ट) प्रमोद कुमार गुप्ता द्वारा 05, विशेष न्यायाधीश (ई.सी. एक्ट) श्रीमती पारुल पनवार द्वारा विशेष प्रयास करते हुये विद्युत अधिनियम के 137 मुकदमों का निस्तारण किया गया। अपर सत्र न्यायाधीश मोहम्मद कमर द्वारा 02 मुकदमे का एवं भारतेन्द्र सिंह द्वारा भी 08 मुकदमा का निस्तारण किया गया।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अभिषेक खरे द्वारा कुल 2665 आपराधिक वादों का निस्तारण किया गया। सिविल जज सी.डि. अर्पित सिंह द्वारा दीवानी के 7 फौजदारी के 23 सिविल वादो में पक्षकारों के मध्य सुलह समझौता कराया गया।
सिविल जज सी.डि./एफटीसी श्रीमती अनुकृति सन्त द्वारा फौजदारी के 57 दीवानी के 02 सिविल जज जू.डि. उरई श्रीमती प्रियंका सरन द्वारा दीवानी के 06 एवं फौजदारी के 101 एवं वाह्य न्यायालय कोंच के न्यायिक अधिकारी सुश्री उमैमा शहनवाज द्वारा दीवानी के 04 एवं फौजदारी के 202, अपर सिविल जज (जू.डि.) कोंच श्री मोहित निर्वाल द्वारा 02 दीवानी प्रकृति के 01 एवं फौजदारी प्रकृति के 369, सिविल जज जू.डि. जालौन जावेद खान द्वारा वैवाहिक वाद 02 एवं फौजदारी के 542 अपर सिविल जज जू.डि. जालौन श्रीमती वन्दना सिंह के द्वारा दीवानी के 02 और कालपी दीवानी न्यायालय के न्यायिक अधिकारी सुश्री इशिता सिंह द्वारा दीवानी के 02 एवं फौजदारी के 599 प्रशिक्षणरत न्यायिक अधिकारी विनय चाहर और विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम उरई चन्द्रभान सिंह द्वारा फौजदारी के 21 एवं विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय उरई राजा सिंह द्वारा फौजदारी के 04 मामलों का निस्तारण करते हुये समस्त मजिस्ट्रेटों द्वारा 49680 रुपये अर्थदण्ड की राशि राजकीय कोष में जमा की गयी। आपराधिक प्रकरणों में विभिन्न न्यायालयों द्वारा 253520 रुपये बतौर जुर्माना धनराशि अभियुक्तों से राजकीय कोष में जमा करायी।
आज राष्ट्रीय लोक अदालत में जिले की विभिन्न बैंकों के बकाया ऋण के 263 मामलों में समझौता कराया गया। इनके अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, अपर जिला मजिस्ट्रेट सहित सभी उप जिला मजिस्ट्रेट, नगर मजिस्ट्रेट और तहसीलदार न्यायालयों द्वारा राजस्व संहिता और फौजदारी के कुल 2494 मामलों सहित विभिन्न विभागों द्वारा प्री-लिटिगेशन प्रकृति के 118571 मामले निस्तारित किये गये। आज लगभग एक लाख तीस हजार मामलों को निस्तारित करते हुये राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया।