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जिला क्राईम रिपोर्टर जालौन पर्वत सिंह बादल ✍🏻
(उरई जालौन ) उरई; सरकार व शासन के पत्र दिनाँक 11 जनवरी, 2024 द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुपालन में ‘‘राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह’’ के अन्तर्गत सड़क सुरक्षा जागरुकता हेतु परिवहन विभाग, पुलिस विभाग, यातायात पुलिस, होमगार्ड्स व पी0आर0डी0 के जवानों तथा राजकीय मेडिकल काॅलेज के प्रोफेसर व छात्र-छात्राओं के सहयोग से सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित बेसिक लाइफ सपोर्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन पुलिस लाइन उरई में किया गया। उक्त घटनाओं में कमी लाने के लिए बेसिक लाइफ सपोर्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। क्योकि गत वर्ष भारत में लगभग 4.50 लाख व्यक्ति सड़क दुघर्टनाओं में घायल हुए व लगभग 1.50 लाख व्यक्तियों की सड़क दुघर्टनाओं में मृत्यु हुई जो कोविड-19 में 1.46 लाख मृत व्यक्तियों से अधिक है। इन सड़क दुघर्टनाओं में कमी लाना सड़क सुरक्षा के कार्यक्रमों व अभियानों का महत्वपूर्ण उद्देश्य है।
प्रदेश में वर्ष 2022 में गत वर्ष के सापेक्ष सड़क दुघर्टनाओं की संख्या में 10.6 प्रतिशत, मृतकों की संख्या में 6.4 प्रतिशत तथा घायलों की संख्या में 14.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जनपद जालौन में वर्ष 2023 में वर्ष 2022 के सापेक्ष सड़क दुघर्टनाओं की संख्या में 18 प्रतिशत, मृतकों की संख्या में 22.90 प्रतिशत तथा घायलों की संख्या में 29.90 प्रतिशत वृद्धि हुई है, जो चिन्ता का विषय है, इन सड़क दुघर्टनाआंे में कमी लाना हम सब की जिम्मेदारी है, जिसके लिए भारत सरकार, राज्य सरकार व जिला प्रशासन द्वारा सड़क सुरक्षा जागरुकता अभियान चलाये जा रहे हैं, जिसके लिए अध्यक्ष, जिला सड़क सुरक्षा समिति/जिलाधिकारी जालौन राजेश कुमार पाण्डेय की सतत् प्रेरणा, मार्गदर्शन एवम् निर्देश रहते हैं।
उक्त कार्यक्रम में यातायात पुलिस के जवानों, होमगार्ड्स के जवानों व पी0आर0डी0 के जवानों तथा अन्य पुलिस के जवानों को बेसिक लाइफ सपोर्ट का प्रशिक्षण दिया गया। बेसिक लाइफ सपोर्ट प्रशिक्षण देने का कार्य राजकीय मेडिकल काॅलेज उरई के प्रो0 डॉ. अरुण के नेतृत्व में एवम् राजकीय मेडिकल काॅलेज के छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बताया गया कि दुघर्टना में घायल व्यक्ति की मदद के लिए व्यक्ति को सर्वप्रथम सुरक्षित स्थान पर ले जायें, यदि खून का बहाव हो रहा है तो तुरन्त किसी भी साफ कपड़े से पट्टी बाँधे। घायल व्यक्ति की नब्ज एवम् दिल की धड़कन को चेक करलें, यदि जीवन रक्षक पद्धति की जरुरत है तो घायल व्यक्ति को दें, जिसका व्यापक प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही यह भी बताया गया कि यदि घायल व्यक्ति के शरीर में कोई रोड इत्यादि घुस गई हो तो उसको अपने आप न निकालकर डाॅक्टर को रोड निकालने का कार्य करने दें। इसी दौरान आपको एम्बुलेंस बुलाने के लिए 102 नम्बर पर फोन कर देना चाहिए जिससे समय से एम्बुलेंस के माध्यम से चिकित्सालय/मेडिकल काॅलेज में घायल व्यक्ति को पहुँचाया जा सके।
उक्त कार्यक्रम में राजेश कुमार सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) प्रथम दल, वीर बहादुर सिंह यातायात प्रभारी, प्रो0 अरुण अहिरवार राजकीय मेडिकल काॅलेज उरई, पारसनाथ चौधरी प्रतिसार निरीक्षक, अलीम खाँ समाज सेवी, सद्भावना एकता मंच के अध्यक्ष लक्ष्मणदास बावनी, गरिमा पाठक, होमगार्ड्स एवं पी0आर0डी0 के जवान उपस्थित रहे।