संवाद न्यूज एजेंसी
उरई। एक अप्रैल से जिले में शुरू हुई गेंहू की खरीद के लिए विभाग को 99 हजार मीट्रिक टन का लक्ष्य मिला है। जिसको देखते हुए जिले में अबतक 6749 मीट्रिक टन की खरीदारी हो चुकी है। कुछ केंद्रों पर अभी भी कम किसान पहुंच रहे हैं, जिसे देखते हुए विभाग अब मोबाइल टीम गठित करेगा। टीम किसानों के घर जाकर गेंहू की खरीद करेगी।
जिले में 79 केंद्रों पर चल रही गेंहू की खरीद में शासन की तरफ से 99 हजार मीट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बुधवार तक 6749 मीट्रिक टन की खरीदारी हो चुकी है। लेकिन कई केंद्र ऐसे हैं जिनमें किसान अभी तक नहीं पहुंचे हैं। जिसको देखते हुए विभाग द्वारा अधिक से अधिक किसान अपना गेंहू सरकारी केंद्रों पर बेचे इसके लिए अब मोबाइल टीम गठित की जाएगी।
जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी गोविंद उपाध्याय ने बताया कि जिले में पिछले वर्ष की तुलना में अच्छा गेंहू केंद्रों पर आ रहा है। लेकिन किसान अपना गेंहू अधिक से अधिक सरकारी केंद्रों पर बेचे इसके लिए अब मोबाइल टीम गठित की जाएगी।
उन्होंने बताया कि केंद्र प्रभारी की ओर से ग्राम प्रधान, कोटेदार, एवं किसानों से संपर्क करते हुए मोबाइल क्रय केंद्र से खरीद कराई जाएगी। इसके बाद किसानों को आरटीजीएस से भुगतान कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पूरी प्रक्रिया गांव में ही की जाएगी। उन्होंने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य सरकारी केंद्रों पर अधिक से अधिक खरीदारी करना है।
फोटो संख्या- 07-आरएफसी केंद्र में गेंहू की तौल करते पल्लेदार।
आढ़तियों के यहां भीड़ सरकारी केंद्र में सन्नाटा
26 दिन में 52 किसानों से 2500 क्विंटल गेंहू की हुई खरीद
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कदौरा। कस्बे के कृषि मंडी में स्थापित गेंहू क्रय केंद्र पर खरीद धीमी चल रही है। केंद्र पर सन्नाटे की स्थिति है। 26 दिन के बाद भी 2400 क्विंटल की खरीद हुई है। किसानों का कहना है कि सरकारी क्रय केंद्र से अच्छा मूल्य आढ़तियों से मिल रहा है। आढ़तिया नकद भुगतान कर किसानों के घरों से गेंहू उठा रहे हैं। इससे केंद्र तक उपज को भी नहीं लेकर जाना पड़ रहा है।
शासन ने कस्बे के कृषि मंडी परिसर में आरएससी गेहूं क्रय केंद्र बनाया है। किसान महेश कुमार, भारत कुशवाहा, करन साहू, रामजी सिंह आदि किसानों का कहना है कि गेंहू का सरकारी मूल्य 2125 रुपये क्विंटल है। क्रय केंद्र में गेंहू पहुंचाने में प्रति ट्राली एक से डेढ़ हजार रुपये खर्च होता है। जबकि व्यापारी सरकारी दर पर नगद भुगतान कर घर से ही अनाज उठा ले जाते हैं।
क्षेत्र के कुछ बड़े किसानों का कहना है कि बेमौसम की हुई बारिश से फसल का नुकसान होने से गेहूं का भंडारण कर मूल्य बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं। विपणन अधिकारी दीप्ति सचान का कहना है कि जो किसान गेंहू बेचने आ रहे है उनका गेंहू खरीदा जा रहा है। व्यापारी किसानों के घरों में जाकर उनसे खरीद कर रहे है। जिसकी सूचना उन्होंने अधिकारियों को भेज दी है।