उरई। करवा चौथ को लेकर जिले भर में उत्साह देखा गया। देर शाम तक बाजार भी गुलजार रहे। मिठाइयों की दुकान से लेकर ब्यूटी पार्लर पर महिलाओं की भीड़ रही। सुहागिनों ने निर्जला व्रत रखकर पति की दीघार्य की कामना की। महिलाओं सुबह घरों में करवों की स्थापना कर पूजा पाठ और कथा सुनी। रात होने पर चंद्रमा देखने के बाद सुहागिनों ने व्रत खोला।
कोंच में भी सुहागिनों ने अपने पतियों की दीर्घायु की कामना के साथ दिन भर व्रत रखने के बाद शाम को चंद्र दर्शन के साथ पति परमेश्वर के भी दर्शन कर व्रत का पारायण किया। पूरे दिन उन्होंने व्रत रख कर अनुष्ठान किया। इस व्रत के लिए महिलाएं कई दिनों से तैयारी कर रही थीं।
अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षिणी सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्योतिर्विद पं. संजय रावत शास्त्री बताते हैं, धार्मिक मान्यता के अनुसार इस व्रत को करने से पति को दीर्घायु प्राप्त होती है। इस व्रत के समान सौभाग्यदायक अन्य कोई व्रत नहीं है। इस दिन संकष्टी चतुर्थी भी होती है और उसका पारायण भी चंद्र दर्शन के बाद ही किया जाता है, इसलिए करवा चौथ पर गणेश जी का पूजन करने का भी विधान है।
वहीं जालौन में महिलाओं ने सुबह से ही घरों की सफाई करके घर की छत को गाय के गोबर से लीपकर उस पर चौक पूर कर भगवान गणेश, भगवान शंकर उनके पुत्र कार्तिकेय व माता पार्वती की प्रतिमा रखकर विधि विधान से पूजन किया। इसके बाद सोलह शृंगार करके भगवान श्रीगणेश की पूजा-अर्चना की एवं जीवनसाथी के बेहतर स्वास्थ्य व दीर्घायु की कामना की। रात्रि के समय जब चंद्रमा का उदय हुआ, तब महिलाओं ने आंखों के सामने चलनी लगाकर चंद्रमा के दर्शन किए। बड़े बुजुर्गों के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। वहीं, पति ने भी अपने हाथों से पत्नी को पानी व मिठाई खिलाकर उनका उपवास समाप्त कराया।