फोटो – 20 श्रीशिव संकटहरण मंदिर सकाहा। संवाद

फोटो – 21 शिव भोले मंदिर में शिवलिंग की साफ-सफाई करते पुजारी। संवाद

– श्री शिव संकटहरण मंदिर में भोर के तीन बजे से शुरू हो जाएगी पूजा-अर्चना

– शिवालयों में साफ-सफाई के साथ ही जुटाई गईं व्यवस्थाएं

संवाद न्यूज एजेंसी

हरदोई। आज सावन का पहला सोमवार है। अष्टमी तिथि होने से इसका और महत्व बढ़ गया है। इससे माता पार्वती के साथ भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पूरे दिन रूद्राभिषेक कराए जाने का मुहूर्त बना हुआ है। सकाहा मंदिर में दर्शन के लिए कपाट भोर तीन बजे से खुल जाएंगे, जबकि अन्य मंदिरों में सुबह चार बजे से कपाट खुलेंगे।

पौराणिक श्रीशिव संकटहरण मंदिर सकाहा में कावड़ लेकर आने वाले श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या के दृष्टि व्यवस्थाओं को रविवार को ही करा लिया गया है। यहां पर वाहनों की पार्किंग के लिए मंदिर से काफी पहले खेत और बाग में स्थान निर्धारित कर लिए गए हैं। वाहनों का मंदिर तक प्रवेश रोकने के लिए अस्थायी बैरियर भी लगवाए गए हैं। पुजारी विजय प्रताप गोस्वामी ने बताया कि सावन में रुद्राभिषेक नहीं कराए जाते हैं।

सुनासीरनाथ मंदिर कमेटी के कोषाध्यक्ष मुकेश गुप्ता ने बताया कि मंदिर में आचार्य मंगल प्रसाद मिश्र पूजा-अर्चना करते हैं और मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए सुबह चार बजे से खुलेंगे। रात दस बजे तक श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। रात दस बजे के बाद श्रद्धालु रुद्राभिषेक भी करा सकेंगे।

बिलग्राम के पौराणिक मंशानाथ मंदिर के पुजारी जगदीश प्रसाद मिश्र ने बताया कि मंदिर सुबह चार बजे से श्रद्धालुओं के लिए खुल जाएगा। रात दस बजे तक मंदिर खुला रहेगा। रुद्राभिषेक के लिए सुदामा त्रिपाठी मौजूद रहेंगे। इसी के साथ शहर के नुमाइश चौराहा पर शिवभोले मंदिर, श्रीविश्वनाथ मंदिर, श्रीतुरंतनाथ मंदिर सहित सभी मंदिरों में तैयारियों और व्यवस्थाओं को जुटाया गया है।

गाय के दूध, शहर व गन्ने के रस से अभिषेक व पंच्चाक्षर मंत्र से होगा कल्याण

शास्त्री उमाकांत अवस्थी ने बताया कि सावन का पहले सोमवार को अष्टमी तिथि के चलते शंकर भगवान गौरी जी के साथ विराजमान रहेंगे। धर्म परायण भक्तों को गंगाजल, गाय के दूध, शहद और गन्ने के रस से शिवपूजन व अभिषेक प्रार्थना और पंच्चाक्षर मंत्र जप करना चाहिए। बताया कि गाय के दूध से अभिषेक करने से पुत्र रत्न की प्राप्ति, गन्ने के रस से अभिषेक से लक्ष्मी, गंगाजल से अभिषेक करने से आरोग्यता की प्राप्ति और पापों से मुक्ति प्राप्त होती है। ओम नमः शिवाय मंत्र जप करने से सभी प्रकार के कामनाओं की पूर्ति होती है।

पूजा के लिए यह हैं शुभ मुहूर्त

शास्त्री उमाकांत अवस्थी ने बताया कि सावन में वैसे तो पूरे दिन पूजन-अर्चन किया जा सकता है। पंचांग के अनुसार सोमवार को सुबह 11:59 से दोपहर 12:54 बजे तक अभिजित मुहूर्त है। सोमवार को प्रदोष काल में भगवान शंकरजी की पूजा का विशेष महत्व है। शाम को 5:38 से 7:22 बजे तक प्रदोषकाल रहेगा और मान्यता है कि प्रदोषकाल में रूद्राभिषेक करने से शिवजी सभी कष्टों को दूर करते हैं।



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