उरई। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के अध्ययन केंद्र डीवी कॉलेज में आयोजित परिचर्चा में इग्नू क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ के क्षेत्रीय अपर निदेशक डॉ. अनिल कुमार मिश्रा ने बताया कि इग्नू द्वारा बुंदेलखंड के उन क्षेत्रों का विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जहां उच्च शिक्षा से शिक्षित समाज का प्रतिशत बहुत कम है।

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा अब एक साथ दो पाठ्यक्रमों को करने की अनुमति प्रदान की गई है। जिससे विद्यार्थियों को दो डिग्री कोर्स को अब एक ही समय में करने की सुविधा प्राप्त होगी, इसमें एक उपाधि संस्थागत व दूसरा इग्नू की दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से अथवा दोनों ही इग्नू से कर सकते है। इसके अलावा इग्नू द्वारा विशेष रूप से अग्निवीर सैनिकों के लिए कौशल आधारित स्नातक उपाधि कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है।

छात्र-छात्राओं से परिचर्चा करते हुए कहा कि इग्नू की प्रवेश नीति जब चाहो तब प्रवेश पाओ की है। इसके तहत छात्र वर्ष भर में कभी भी आवेदन कर सकते है।ं सामान्य कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए किसी प्रकार की न्यूनतम अंक सीमा, आयु सीमा नही निर्धारित की गई है। छात्र अपनी सुविधा, समय एवं स्थान के अनुसार अध्ययन कर सकता है। समन्वयक डॉ. शैलजा गुप्ता ने बताया कि इग्नू में प्रवेश दो सत्रों जनवरी व जुलाई में प्रवेश होते हैं।

डीवी कॉलेज के अध्ययन केंद्र में परास्नातक, स्नातक, डिप्लोमा तथा प्रमाणपत्र के अनेक रोजगारपरक पाठ्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। इग्नू द्वारा अब स्नातक एवं परास्नातक स्तर पर संस्कृत पाठ्यक्रम का भी संचालन किया जा रहा है। इग्नू से स्नातक में प्रवेश लेने वाले एससीएसटी के अभ्यर्थियों को निशुल्क प्रवेश दिया जा रहा है। आवेदन फार्म भरने की अंतिम तिथि 10 अगस्त है। इस दौरान डॉ.अलका रानी पुरवार, डॉ. राजेश पालीवाल, डॉ. जितेंद्र कुमार, डॉ. सुरेंद्र यादव, डॉ. रामजी, चंदन, गोपाल, राजकुमार, धर्मेंद्र आदि मौजूद रहे। संचालन डॉ. नमो नारायण ने किया।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *