उरई। कहीं हमारी आंखों की रोशनी तो नहीं चली जाएगी। हमारे बच्चे ठीक तो हो जाएंगे। आंखों के इस हाल से परेशान बड़ा गांव के लोगों से जब मिले तो वे रो पड़े। आंखों में आंसू थे और बच्चों की चिंता में दुखी थे।
बड़ा गांव में आंखों पर आई इस रहस्यमयी बीमारी से ग्रामीणों में खलबली मची है। ये लोग परेशान हैं। इस गांव के संतोष कुमार (35) की आंखें लाल हैं। वह बोले कि उनके अलावा घर में शिवा (12), शिवानी (10) की आंखों से भी आंसू रुक नहीं रहे हैं। सरजूप्रसाद (70) का रो-रोकर बुरा हाल है। बोले कि अपनी कम बच्चों की चिंता ज्यादा हो रही है। घर में रमेश (50), राहुल (30), रितिक (2), निशा (4) की आंख भी लाल और सूज रही है। इसी तरह तिजा (60), कमलेश (52), केसर (47), विजय (45), सीमा (38), राजा (15), गोलू (10), गोविंद (40), कमला (35), जगदीश (45), करन (20), कस्तूरी (35), साधना (18), प्रियम (15), रामलाल (55), मुन्नी देवी (50), रितिक (5), निशा (10), मंगलदास (40), पंकज (18), आर्यन (5), कुलदीप (20), निहाल (14), दया शंकर (28), मैना (45), मिजाजी (60), गया प्रसाद (50) की आंखें लाल हो गई हैं, इनमें कई की सूजन है तो कुछ की आंखों में लगातार आंसू आ रहे हैं।
स्वस्थ आंखों का भरोसा देकर चल रहा रोशनी छीनने का कारोबार
उरई। कहीं आप सीतापुर के नाम से बिक रही आई ड्रॉप तो आंखों में नहीं लगा रहे हैं। यदि ऐसा है तो सावधान हो जाइए। बिना सही विधि के बन रहीं इन दवाओं से आपकी आंखों को नुकसान हो सकता है। आधा दर्जन से ज्यादा गांवों में अवैध ढंग से दवा बनाने का कारोबार चल रहा है। प्रशासन को भी इसकी खबर नहीं है, जिस वजह से इस पर लगाम नहीं कसी जा रही है। यहां तक कि ये कारोबारी आईड्राप को राज्य के बाहर भी भेज रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो नकली आईड्राप बनाने का कारोबार बबाई वाला, कुस्मरा, रामपुरा, बंगरा, कुसमरा गांव के अलावा जालौन के एक मोहल्ले में चल रहा है। ऐसे कारोबारी से जुड़े एक व्यक्ति ने फोन पर नाम न छपने की शर्त पर बताया कि यह कारोबार पिछले कई दिनों से चल रहा है। ये लोग पिपरमेंट, कपूर, फिटकरी और पानी डालकर दवा बनाते हैं। यही नहीं, दवा की बिक्री बढ़ सके, इसलिए पर्चे छपवाकर उसमें सीतापुर व चित्रकूट से बनी दवा का जिक्र करते हैं।
उसमें लिखा डाक्टर का नाम भी सही नहीं होता है और जो नंबर देते हैं वह बाद में लगता नहीं है। यही नहीं, इनके हौसले इतने बुलंद हैं कि क्षेत्र के अलावा दूसरे राज्यों में भी इस दवा बेचते हैं।
वर्जन
-गांवों में आईड्राप बनने की जानकारी नहीं है। बिना लाइसेंस यदि ऐसा है तो इस पर कार्रवाई की जाएगी। -देवयानी दुबे, औषधि निरीक्षक