उरई। नगर पालिका की देखरेख में चलने वाले कान्हा गोशाला में गोवंश दम तोड़ रहे हैं। शनिवार को गो गायें मृत पाई गई वहीं बीमारी के कारण दो बछड़ों की सांस फूलती मिली।

शहर से 10 किलोमीटर दूर स्थित रगोली गांव में एक एकड़ी में बनी कान्हा गोशाला में 240 से ज्यादा गोवंश बताए जाते हैं। यहां टीम दोपहर करीब डेढ़ बजे पहुंची थी। गेट बंद था, हालांकि कुंडी नहीं लगी थी। धकेलने पर गेट खुल गया। इससे पहले कि टीम ज्यादा आगे बढ़ती, कर्मचारी दौड़कर पास पहुंचे और रोकने लगे। बाद में किसी तरह टीम ने गोशाला का हाल देखा। कर्मचारियों की इस हरकत का कारण टीम समझ गई। गोशाला में दो गाय मृत मिलीं, कर्मचारियों से जब पूछा तो उन्होंने भी दो गाय के मरने की बात कही। टिनशेड के नीचे गायों तक बरसात का पानी रोकने के लिए कोई दूसरा इंतजाम नहीं था। दाएं बाएं और सामने से आने वाले बारिश के पानी से गोवंश भीगते हैं। गोशाला में दो बछड़ों की हालत भी गंभीर दिख रही थी। जहां गाय व अन्य गोवंश थे, वहां कीचड़ थी और पानी भरा हुआ था। टीनशेड में चल रही गोशाला में गर्मी से बचाव के लिए को साधन नहीं था।

सिर्फ भूसा मिलने से कमजोर होते हैं गोवंश

-पशु चिकित्सक डॉ. राजकुमार ने बताया कि गाय की डाइट में भूसा, घास, दाना आदि जरूर होना चाहिए। सिर्फ भूसा खिलाते हैं तो वह धीरे-धीरे दुर्बल होने लगती है। कुछ ही दिनों में वह इतनी कमजोर हो जाएगी कि बीमार रहने लगेगी। ऐसी स्थिति में उसको ठीक करने में काफी वक्त लग सकता है। कई बार गाय, इसी वजह से जल्द मर भी जाती हैं।

-एक गाय के मरने की जानकारी मिली है। डाक्टर को भेजा गया है। गोशाला में गंदगी है, इसको लेकर जांच कराई जाएगी।

विमलापति, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका उरई



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