संवाद न्यूज एजेंसी, जालौन

Updated Sun, 01 Oct 2023 12:15 AM IST

उरई। दलित किशोरी का अपहरण कर जातिसूचक गाली देकर जान से मारने की धमकी देने के मामले में चारों दोषियों को विशेष न्यायाधीश मोहम्मद आजाद ने पांच साल का कारावास और अलग-अलग धाराओं में 26,500 जुर्माना लगाया है।

शासकीय अधिवक्ता विश्वजीत गुर्जर ने बताया कि उरई कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला उमरारखेरा निवासी एक पिता ने 10 जुलाई 2018 को पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि जालौन कोतवाली क्षेत्र के पहाड़पुरा गांव निवासी संतराम कुशवाहा किशोरी को पांच जून 2018 को बहला फुसलाकर ले गया। किशोरी को ले जाने में फूलसिंह, हरपाल व कल्लू का भी हाथ है। पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी थी। पुलिस ने संतराम के पास से किशोरी को बरामद कर संतराम को जेल भेज दिया था। वही किशोरी के न्यायालय में बयान दर्ज कराए गए तो किशोरी ने अपने बयानों में दुष्कर्म की भी बात बताई थी। बताया था कि संतराम के भाई हरपाल व फूलसिंह व कल्लू ने जातिसूचक गालीगलौज कर जान से मारने की धमकी दी थी। पुलिस ने विवेचना में दुष्कर्म की धारा की बढ़ोतरी की और एससीएसटी व अपहरण का मामला दर्ज कर 8 मई 2019 को चारों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी।

पांच साल चले स्पेशल पॉक्सो कोर्ट में ट्रायल के बाद शनिवार को सुनवाई हुई तो दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की जिरह और गवाहों के बयानों को सुनने के बाद न्यायाधीश मोहम्मद आजाद ने संतराम कुशवाहा को अपहरण व जातिसूचक गाली गलौज देने के मामले में दोषी पाया। वहीं कल्लू, हरपाल व फूलसिंह को किशोरी को अपमानित कर गाली-गलौज देने के मामले में दोषी पाते हुए पांच पांच साल की सजा और चारों आरोपियों के ऊपर 26,500 रुपये का जुर्माना लगाया।



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