उरई (जालौन)। किशोरी के साथ दुष्कर्म के मामले में स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट अवनीश कुमार ने सगे भाइयों को 20-20 साल की कैद और 65-65 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। इस मामले में एक दोषी की पत्नी को भी आठ साल की कैद और 35 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। मामला आठ साल पुराना है।

अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता ब्रजराज सिंह राजपूत ने बताया कि शहर के एक मोहल्ला निवासी महिला ने उरई कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई धी कि मोहल्ले के ही रामकुमार के पुत्र उमेश कुमार और महेश कुमार ने 9 अगस्त 2015 की सुबह पांच बजे उसकी नाबालिग बेटी को तब अगवा कर लिया, जब वह शौच के लिए घर से बाहर गई थी। दो सगे भाई उसे कानपुर ले गए और वहां एक कमरे में रखकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद उमेश की पत्नी संजना ने किशोरी को रामसेवक और अमर सिंह को 80 हजार रुपये में बेच दिया। दो माह बाद पुलिस ने किशोरी को बरामद कर लिया था।

विवेचना अधिकारी सतीश कुमार ने तीनों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया। शुक्रवार को दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की जिरह और गवाहों के बयान सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट डॉ. अवनीश कुमार ने सगे भाई उमेश और महेश कुमार को 20-20 साल के कारावास और 65-65 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं, उमेश की पत्नी संजना को आठ साल के कारावास और 35 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया गया।

पॉक्सो एक्ट का आरोपी गिरफ्तार, किशोरी मिली

कोंच। करीब सप्ताह भर पहले बहला-फुसलाकर कर घर से ले जाई गई किशोरी को पुलिस ने बरामद कर लिया है। किशोरी का चिकित्सीय परीक्षण कराकर पुलिस ने इस मामले में दर्ज एफआईआर में पॉक्सो एक्ट की धाराएं और बढाई हैं। कस्बे के एक मोहल्ला निवासी व्यक्ति ने पुलिस को प्रार्थनापत्र देकर मोहल्ले के मोहित कुशवाहा पर बेटी को बहलाकर ले जाने का मुकदमा दर्ज कराया था। मुखबिर की सूचना पर शुक्रवार सुबह सागर चौकी प्रभारी संजय सिंह पाल ने पंचानन चौराहे से किशोरी की बरामदगी करते हुए आरोपी मोहित को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने किशोरी को चिकित्सकीय परीक्षण के लिए भेजा है। इसके साथ ही पहले से दर्ज मुकदमे में 7/8 पॉक्सो एक्ट की बढोतरी कर मोहित को जेल भेज दिया गया है। (संवाद)



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