कालपी। पिछले दो-तीन महीने से राजस्व परिषद के कंप्यूटरीकृत सिस्टम में बदलाव के कारण कालपी तहसील के 69 ग्रामों की खतौनी अभी तक नहीं निकल रही है। खतौनी न निकलने से किसानों के कई काम अटके पड़े हैं।
फरवरी के आखिरी सप्ताह में उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद की ओर से भूलेख खतौनी की व्यवस्था में परिवर्तन किया गया था। प्रदेश के तमाम ग्रामीणों की खतौनी कंप्यूटर सिस्टम से बंद कर दी गई थी। इसी क्रम में कालपी तहसील के 69 गांवों की खतौनी भी कंप्यूटर में लॉक चल रही है। जोल्हूपुर, मोड़, उसरगांव, जयरामपुर, बरदोली, काशी खेड़ा के किसान मरजादपाल, वृंदावन, बाबू सिंह यादव. संतराम, बद्री पाल, कमल सिंह आदि किसानों ने बताया कि खतौनी न निकलने के कारण हम गेहूं बेचने के लिए पंजीकरण नहीं करा पा रहे हैं। इसके अलावा कई शासकीय कार्य खतौनी न निकलने से प्रभावित हैं। कदौरा ब्लाक के जोल्हूपुर मोड़ के निवासी किसान रविंद्र सिंह ने बताया कि गेहूं के पंजीकरण के लिए कालपी तहसील से खतौनी निकालने गया था। खतौनी न मिलने के कारण मुझे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या को निपटाने के लिए कुछ दिन पहले जिला अधिकारी चांदनी सिंह के समक्ष काशी खेड़ा निवासी किसान कल्लू यादव ने अपनी बात रखी थी। उस समय डीएम ने जल्द निराकरण का आश्वासन दिया था, लेकिन यह समस्या अभी भी जस की तस बनी हुई है।
तहसीलदार सुशील कुमार सिंह ने बताया पूरी तहसील में 244 राजस्व ग्राम जिसमें 69 ग्रामों की खतौनी कंप्यूटर में लॉक चल रही थी। अभी 12 गांवों की खतौनी खुलवा दी गई है। बाकी गांव की खतौनी खुलवाने के लिए पत्राचार के माध्यम से राजस्व परिषद को अवगत कराया गया है। जल्द ही इस समस्या का निदान कर दिया जाएगा।