उरई। गोरे-गोरे मुखड़े पर काला-काला चश्मा…ये गाना आप ने जरूर सुना होगा। इस गाने के बाद बाजार में चश्मे की मांग बढ़ी थी। लेकिन बिना गाने फिल्म के काले चश्मों की मांग बढ़ गई है। आई फ्लू के बाद मरीजों को डॉक्टर काला चश्मा लगाने की सलाह दे रहे हैं। इसके चलते बाजार में बड़ी से लेकर छोटी दुकानों पर काले चश्मों की बिक्री बढ़ गई है। आई फ्लू के मरीज घर-घर निकल रहे हैं। अस्पताल में मरीजों की दिन प्रतिदिन संख्या बढ़ती जा रही है और चश्मों के साथ आई ड्रॉप की खपत चार से पांच गुना बढ़ गई है।

नेत्र चिकित्सालय में रोज 550 से लेकर 600 तक मरीज पहुंच रहे हैं। जिसमें 350 से लेकर 400 तक मरीज आईफ्लू के पहुंच रहे हैं। जिनको डॉक्टरों द्वारा ड्रॉप डालने और काला चश्मा लगाने की सलाह दी जा रही है। जिसके चलते बाजार में काले चश्मों की मांग बढ़ गई है। बाजार में भी हर तीसरा, चौथा व्यक्ति चश्मा लगाए दिखाई देता है। प्रकाश चश्मे वालों ने बताया कि पहले रोज दस से 15 ही चश्मे बिक पाते थे। अब रोज 40 से 50 चश्मे बिक रहें हैं। दृष्टि दोष के दस से 15 ही लोग आ पाते है। काले चश्मों की मांग बढ़ गई है। वहीं पूरे बाजार में 50 से ज्यादा चश्में की दुकान है। सभी की बात करे तो रोज 600 से लेकर 700 चश्मे बिक रहे हैं। सस्ते के चलते सबसे ज्यादा लोग फुटपाथ से चश्मे ले रहे है। आईफ्लू के बाद चश्मे की कीमत पर भी कोई असर नहीं आया है। 50 रुपये से लेकर 500 तक के काले चश्मे बाजार में मिल रहे हैं। वहीं आईफ्लू के मरीज सस्ते वाले चश्मा पसंद कर रहे हैं। क्यों कि उन्हें दो से तीन दिन ही चश्मा लगाना है। सबसे ज्यादा बच्चे महिलाएं काला चश्मा खरीद रही हैं।

600 से लेकर 700 तक ड्राप की खपत

नेत्र चिकित्सालय में ड्राप की मांग तीन गुना तक बढ़ गई है। दवा वितरक रत्ना ने बताया कि जब तक आईफ्लू नहीं था। तब तक रोज 250 से 300 तक ही आंख के ड्रॉप की खपत होती थी। अब तो 600 से ज्यादा की रोज की खपत हो रही है। जिसके चलते दो से तीन दिन का भंडारण कर रखना पड़ रहा है। जब भी कमी होती है, तुरंत मंगवा लेते हैं। वहीं, मेडिकल स्टोर वालों ने बताया कि जो डॉक्टर लिख रहे हैं। वो तो सिर्फ दस से बीस मरीज पहुंच रहे हैं। बाकि की कुछ मरीज बिना डॉक्टर की दिखा कर ही दवाई ले जा रहे हैं। सभी मेडिकल की बात की जाए तो शहर के सभी मेडिकल से एक हजार से ज्यादा ड्रॉप बिक रहे हैं।

काला चश्मा करता दूसरों की सुरक्षा

नेत्र चिकित्सक डॉ.आरपी सिंह ने बताया कि आईफ्लू के मरीजों की संख्या में तीन से चार गुना तक इजाफा हुआ है। सभी को काला चश्मा लगाने की सलाह दी जा रही है। जिससे वायरस दूसरों तक नहीं पहुंच सके। काले चश्मे से आंखों को आराम भी मिलता है। धूल अंदर नहीं जाती है। रोशनी का भी प्रभाव सीधे नहीं पड़ता है। इसके साथ ही आंख धोने, कपड़े, तौलिया एक दूसरा का उपयोग न करने की सलाह दी जा रही है।



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