संवाद न्यूज एजेंसी
उरई। बाजार में प्रतिदिन 15 हजार से ज्यादा लोग खरीदारी को पहुंचते हैं। इसमें सबसे ज्यादा महिलाएं पहुंचती है। इसके बावजूद भी महिलाओं की सुविधाओं को लेकर बाजार में कोई ख्याल नहीं रखा गया है। यहां एक भी पिंक शौचालय नहीं बना है और जो पुरुष शौचालयों के साथ बने भी हैं तो उनकी हालत बद से बद्तर है। नतीजा यह है कि कामगार महिलाएं तो मजबूरी में उनका प्रयोग करती हैं, लेकिन बाजार खरीदारी को आने वाली महिलाएं शौचालय प्रयोग से कतराती हैं।
नगर पालिका द्वारा बनवाए गए सार्वजनिक सामुदायिक शोचालयों की स्थिति बदहाल है। नगर के अंदर 20 से ज्यादा शौचालय स्थापित हैं। जिसमें से कुछ शौचालय पर ताले पड़े हैं। कुछ की स्थिति बद्तर है। पालिका ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत 11 सार्वजनिक, नौ सामुदायिक शौचालय का निर्माण करवाया था। उनके लिए एक भी पिंक शौचालय नहीं है। अस्थाई तौर पर सिर्फ एक पिंक शौचालय मुख्य बाजार में बना हुआ है। वह भी दूसरी मंजिल पर बना हुआ है। जवाहर नगर मुख्य बाजार में बने डीलक्स सार्वजनिक शौचालय की पड़ताल की।
इसका निर्माण 2019 में हुआ था। टीम जब पहुंची तो शौचालय ढूंढने में बड़ी परेशानी हुई। शौचालय कोने में बना हुआ था। इसके आसपास अतिक्रमण था। शौचालय पर बाहर से लिखा नाम हट चुका था। अंदर जब पहुंचे तो ऊपर की लाइट भी चालू नहीं थीं। पांच नीचे पुरुषों के लिए पांच ऊपर महिलाओं के लिए सीट लगी थी। महिलाओं के लिए बने एक शौचालय का दरवाजा अलग हो चुका था तो चार अन्य में गंदगी इतनी कि कोई भी घुसने की हिम्मत नहीं करे।
मौजूद कर्मचारी से पूछा तो पता चला कि पांच महीने से महिला शौचालय का गेट टूटा है। एक साल से मीटर खराब था, इससे बिजली की समस्या बनी थी। लाइट ठीक नहीं थी। पानी की टंकी तक कई महीनों से टूटी बताई जा रही थी। कर्मचारी ने बताया कि प्रतिदिन बाजार में काम करने वालीं दस से 12 महिलाएं आती हैं। शौचालय गेट से सटा ट्रांसफार्मर रखा था, इससे लोगों की जान को लेकर कितने सतर्क हैं, यह समझा जा सकता है। इस हालत की वजह से बाजार में आने वालीं महिलाएं शौचालय प्रयोग से कतरातीं हैं।
गर्भवती व दिव्यांग महिलाओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं
मुख्य बाजार में एक भी ऐसा शौचालय नहीं था, जहां गर्भवती या दिव्यांग महिला जा सके। पुरुषों के लिए नीचे और महिलाओं को सीढ़ी चढ़कर ही शौचालय जाने की व्यवस्था मिली। यहां तक की सीढि़यों में रेलिंग तक नहीं थी।
बोलीं आधी आबादी
फोटो::::::: 28 – मीरा
मैकेनिक नगर निवासी मीरा ने बताया कि बाजार में महिलाओं के लिए कहीं पिंक शौचालय नहीं है। जहां है, वहां पुरुष भी जाते हैं जहां असुरक्षित महसूस करते हैं।
फोटो::::::::29 – प्रतिभा
राजेंद्र नगर की रहने वालीं प्रतिभा सिंह ने बताया कि बाजार आना जाना रहता है। पिंक शौचालय नहीं होने से कई बार असुविधा होती है। कोई गंभीर नहीं दिखता।