उरई। जलसंस्थान की अनदेखी और लापरवाही की वजह से दूषित पानी पीने को विवश लोगों की समस्या का अब जल्द ही समाधान हो जाएगा। विभाग ने इस समस्या के निस्तारण के लिए 12 कर्मचारियों की टीम बना दी है। गुरुवार को बजरिया और रामनगर में टीम को भेजकर लीकेज ठीक कराया। अब यह अभियान के रूप में चलाया जाएगा, जिससे 60 किलोमीटर लंबी पुरानी और डैमेज लाइनों को ठीक किया जा सके। जलनिगम ने भी 35 किलोमीटर लंबी पुरानी लाइन को बदलने के लिए प्रस्ताव बनाया है।

13 जुलाई के अंक में अमर उजाला ने लोगों को बीमार कर रहा टोंटी से आ रहा गंदा पानी हेडिंग से खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। खबर प्रकाशित होते ही जलसंस्थान की टीम ने मौके पर जाकर लाइनों को ठीक किया। इस दौरान करीब 40 मीटर लाइन बदली गई। आधा दर्जन के करीब लीकेज मिले, जिन्हें ठीक कराया गया। प्रभावित क्षेत्रों में लीकेज के कारण जो पुरानी व खस्ताहाल पेयजल लाइनें नालियों व नालों से होकर गुजर रही थीं, उसमें गंदा पानी घरों तक पहुंच रहा था।

विभाग के एई श्याम बहादुर ने बताया कि 186 किलोमीटर पानी की पाइप लाइन पड़ी है, जिससे 20 हजार लोगों को पानी सप्लाई होता है। सबसे ज्यादा 28 किमी गल्ला मंडी में पाइप लाइन पड़ी है। वहीं, शहर में 60 किमी पाइपलाइन सीमेंट की पड़ी है। ये लाइनें 35 साल से नहीं बदली गई है। जल निगम ने इस लाइन कोे लेकर प्रस्ताव भेज दिया है। मेडिकल कॉलेज चौराहा से लेकर घंटाघर, रामनगर, बजरिया क्षेत्र की पाइप लाइन बदली जाएगी। इससे पांच हजार की आबादी को सहूलियत मिलेगी।



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