उरई। सीडीओ भीमजी उपाध्याय ने गुरुवार का टेक्निकल टीम के साथ सड़क की गुणवत्ता की जांच की। जांच टीम में सड़क की गुणवत्ता को ठीक नहीं बताया। हालांकि इसके पहले शासन स्तर पर गठित की गई टीएसी जांच टीम ने सड़क की जांच कर उसे ठीक बताया था। अब दूसरी जांच में निकलकर आया है कि सड़क की गुणवत्ता बेहतर नहीं है। फिलहाल जांच रिपोर्ट को तैयार कर भेजा जा रहा है।

बता दें कि वर्ष 2015-16 में पहले उरई से जालौन और इसके बाद जालौन से औरैया तक सीसी फोरलेन बनाया गया था। सड़क के बन जाने से आवागमन बेहद सुगम हो गया था। लगभग दो वर्ष में कहीं-कहीं पर सड़क पर दरारें आ गई थी। इसको लेकर शासन स्तर पर इसकी शिकायत पहुंची थी। जिसके बाद टीएसी जांच समिति को सड़क की जांच के लिए भेजा गया था। टीम ने यहां आकर जांच की और सड़क की गुणवत्ता को ठीक बताया था। बाद में फिर से मामला उठने पर दोबारा जांच की संस्तुति की गई।

इस पर डीएम राजेश कुमार पांडेय ने सीडीओ भीमजी उपाध्याय को जांच सौंप दी। गुरुवार को सीडीओ ने परियोजना निदेशक डीआरडीए डॉ. शिवाकांत द्विवेदी, अधिशासी अभियंता बेतवा नहर धर्मघोष, सहायक अभियंता डीआरडीए अनूप कुमार मिश्रा, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण खंड के साथ मौके पर जाकर सड़क की गुणवत्ता को परखा। जांच में पाया गया कि सड़क की गुणवत्ता वैसी नहीं है, जैसी होनी चाहिए थी। हालांकि अभी जांच रिपोर्ट तैयार की जा रही है। सीडीओ ने बताया कि जल्दी ही रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी। जांच पूरी पारदर्शिता के साथ की गई है।



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