पांच जुलाई से नहीं हो पा रहे डिजिटल एक्सरे, परेशान हो रहे मरीज

फोटो-8-जिला अस्पताल में पानी के लीकेज के कारण बंद पड़ी डिजिटल एक्सरे मशीन। संवाद

संवाद न्यूज एजेंसी

उरई। जिला अस्पताल में लगी डिजिटल एक्सरे मशीन पांच जुलाई से बंद है। यहां छत के ऊपर लीकेज से पाइपलाइन के चक्कर बिजली की फिटिंग से डिजिटल एक्सरे रूम तक पानी आ गई। जिससे मशीन खराब होने की संभावना बढ़ गई है। डिजिटल एक्सरे का मेटीनेंस संभालने वाली साइरिस कंपनी के प्रतिनिधि ने 15-20 दिन मशीन से काम न लेने की सलाह दी है।

बता दें कि जिला अस्पताल की छत में हो रहे पानी के रिसाव के कारण डिजिटल एक्सरे मशीन वाले कक्ष की केबल में पानी भर गया है। पानी केबल के रास्ते डिजिटल एक्सरे कक्ष तक पहुंच गया। जिसकी वजह से पांच जुलाई से डिजिटल एक्सरे का काम बंद है। टेक्नीशियन ने इसकी जानकारी साइरिस कंपनी के प्रतिनिधि को दी।

प्रतिनिधि ने सलाह दी कि ऐसे में डिजिटल एक्सरे मशीन चलाने से मशीन फुंकने की संभावना है। जिससे बड़ा नुकसान हो सकता है। इस पर मशीन से काम बंद कर दिया गया। इसके बाद साइरिस कंपनी के प्रतिनिधि ने आकर जांच की और कम से कम 15 दिन मशीन न चलाने की सलाह दी। इसके चलते डिजिटल एक्सरे का काम बंद पड़ा है।

इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। यहां रोजाना 80 से 100 मरीजों की डिजिटल जांचें होती थी। अब वह या तो महंगे दामों पर बाजार से डिजिटल एक्सरे कराने को मजबूर है या फिर सामान्य एक्सरे से ही काम चला रहे हैं। हालांकि चिकित्सक डिजिटल एक्सरे कराने की ही सलाह देते है। जिसमें तीन सौ से छह सौ रुपये तक का खर्चा आ जाता है।

मशीन खराब होने पर सामान्य एक्सरे ही कराया

फोटो-9-इंदिरानगर के दर्शन (62) का कहना है कि उनका हाथ टूट गया था। पहले तो उन्होंने बाहर से डिजिटल एक्सरे करवा लिया था। अब प्लास्टर कटना है तो डॉक्टर ने फिर से डिजिटल एक्सरे कराने की सलाह दी है। मशीन खराब होने पर उन्होंने सामान्य एक्सरे ही करा लिया है।

फोटो-10-गोहन की ज्योति बताती है कि उनकी बेटी आस्था का हाथ टूट गया है। अस्पताल का डिजिटल एक्सरे खराब है और बाहर तीन सौ रुपये मांग रहे हैं। ऐसे में वह सामान्य एक्सरे ही करवा रही है। फिर डॉक्टर जैसी सलाह देंगे, वैसे करेंगे।

कोट

डिजिटल एक्सरे मशीन में पानी की समस्या के चलते काम नहीं लिया जा रहा है। साइरिस कंपनी के प्रतिनिधि को अवगत करा दिया है। कंपनी ने आकर जांच पड़ताल भी कर ली है। पानी सूखने के बाद कंपनी के प्रतिनिधि आकर दोबारा जांच करेंगे और समस्या को दूर करेंगे। इसके बाद ही काम शुरू हो पाएगा। डॉ. सौरभ, नोडल अधिकारी रेडियोलॉजी विभाग, जिला अस्पताल उरई



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