– डेढ़ साल पहल कालपी रोड पर 25 लाख की लागत से हुआ था निर्माण
– डिवाइडर मानक विहीन बता एक-दूसरे पर लगाए आरोप-प्रत्यारोप
संवाद न्यूज एजेंसी
उरई। कालपी रोड पर 25 लाख की लागत से बने डिवाइडर डेढ़ साल बाद ही हटवा दिए गए। पालिका अध्यक्ष गिरिजा चौधरी ने निर्माण को मानक विहीन और हादसों की बड़ी बजह बताते हुए पूर्व अध्यक्ष पर घोटाले का आरोप लगाया है। वही, पूर्व पालिका अध्यक्ष अनिल बहुगुणा ने राजस्व की हानि बताकर प्रत्यारोप लगाया है।
कालपी रोड पर जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए अंबेडकर चौराहे से लेकर इकलासपुर आंबेडकर नगर पालिका द्वारा डेढ़ साल पहले डिवाइडरो का निर्माण करवाया गया था। बड़ी मुश्किल से आधे अधूरे डिवाइडरों का निर्माण करवाया गया था। जो एक साल बीत जाने के भी पूरे नहीं हो पाए थे। करीब दो किलो मीटर इन डिवाइडरो का निर्माण होने था। कुछ जगह पर इनका का निर्माण नहीं हो पाया।
वहीं कहीं भी इनके ऊपर रोशनी के लिए कोई पोल नहीं लगाया गया था। जैसे रात को अंधेरे में इन डिवाइडरो के ऊपर वाहन चढ़ने लगे थे और हादसों में इजाफा हो रहा था। जिसको लेकर इन डिवाइडर पर पालिका ने बुलडोजर चला दिया और कचहरी से लेकर बिजली विभाग के आगे तक डिवाइडरों को हटा दिया गया। वहीं कुछ जगह पर डिवाइडर छोड़ दिए गए।
बिना किसी योजना के ही पालिका ने इन डिवाइडर को लगा दिया और लाखों रूपये लगाने के बाद उन्हें तोड़वा दिया गया। इन डिवाइडरों को बनाने के लिए पालिका ने करीब 25 लाख रूपये लगाए थे और बनवाए देर नहीं हुई इन को हटवा दिया गया। जब डिवाइडर लगवाने की योजना बन रही थी। तब सड़कों को चौड़ीकरण की भी योजना बनाई गई थी। लेकिन बिना योजना के ही इन डिवाइडरो को लगा दिया गया। जिससे अब इन्हें हटाना पड़ा।
एक-दूसरे पर जड़े आरोप-प्रत्यारोप
यह डिवाइडर मानक विहीन बने थे। जिसमें आठ लाख का सरिया लगवाने की बात कही जा रही थी। टूटने पर एक भी सरिया नहीं मिला। जिससे रोज हादसे भी हो रहे थे।डिवाइडर बन रहे थे तब तत्कालीन जेई ने मानक विहीन बताया था और रोक भी लगवाने को कहा था। उसके बाद भी पूर्व पालिका अध्यक्ष ने उनको बनवा दिया। इसमें घोटाला किया गया है। गिरिजा चौधरी, चेयरमैन,उरई पालिका
डिवाइडर तोड़ने को लेकर जब पालिका अध्यक्ष से बात कही गई थी तो उन्होंने हादसों का कारण बताया था। जेई ने रिपोर्ट दी थी। तब यह डिवाइडर बनवाए गए थे। घोटाले अब हो रहे हैं। अंबेडकर पार्क को बेवजह तोड़कर बनवाया जा रहा है। वहीं, अटल बिहारी पुस्तकालय को भी बंद कर दिया गया। उसे भी किराए से उठाने की योजना है। अनिल बहुगुणा, पूर्व चेयरमैन, उरई पालिका