संवाद न्यूज एजेंसी
कालपी।
सीएचसी कालपी में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। सुविधाएं ना मिलने की वजह से मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में उपचार एवं महंगे दामों में जांच कराने को मजबूर होना पड़ रहा है।
बता दें कि 90 के दशक में नवीन भवन में सीएचसी कालपी के 30 शैया वाले अस्पताल का शुभारंभ हुआ था। चिकित्सालय में 12 विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती का नियम है लेकिन वर्तमान समय में मात्र तीन डॉक्टर की तैनाती है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. उदय कुमार, डॉ. शेख शहरयार, डॉ. विशाल सचान के भरोसे अस्पताल चल रहा है। चिकित्सीय अधीक्षक को सप्ताह में चार दिनों के लिए मुख्यालय में मीटिंग में या फील्ड में जाना पड़ता है। मात्र दो डॉक्टरों के भरोसे इतने बड़े अस्पताल की व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी है।
स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, दंत चिकित्सक, नेत्र चिकित्सक, सर्जन की लंबे समय से तैनाती नहीं है। इसलिए ज्यादातर मरीजों को उरई के लिए रेफर कर दिया जाता है। चिकित्सालय में लाखों रुपए कीमत की सीबीसी लैब में मशीन चार महीनों से बंद पड़ी हुई है। लैब टेक्नीशियन प्रदीप राजपूत ने बताया कि सीबीसी की जांच कराने के लिए किट की डिमांड लगाई थी। रीजेंट, लाइस ईजेट, क्लीनर, शुगर स्ट्रीट आदि जांच संबंधी सामान उपलब्ध नहीं है। इस किट को मंगाने के लिए हर महीने डिमांड लगाई जा रही है।
इसी प्रकार सीएचसी में टाइफाइड, लीवर तथा गुर्दे की जांच करने की कोई व्यवस्था नहीं है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. उदय कुमार ने बताया कि डॉक्टरों की कमी होने के कारण उन्हें लगातार 72 घंटे तक ड्यूटी करना पड़ती है। डाक्टरों तथा जांच मशीनें बंद होने की वजह से मरीजों को प्राइवेट पैथोलॉजी में जांच तथा इलाज कराने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
कुछ दिन की राहत, फिर आफत
कालपी।
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद के समक्ष क्षेत्रीय विधायक विनोद चतुर्वेदी ने डॉक्टरों की कमी का मामला उठाया था। उस समय कई डॉक्टरों की नियुक्ति भी हो गई थी लेकिन धीरे-धीरे सीएचसी कालपी के चिकित्सक कई महीनों से ट्रेनिंग तथा गैर जनपद के तबादले पर जा चुके हैं। जिससे हालत दिन पर दिन बदतर होते चले जा रहे हैं।
चार दिन से मेरी बेटी को बुखार आ रहा था। जिसको लेकर मैं सीएचसी कालपी में जांच कराने के लिए आई थी लेकिन यहां पर मालूम हुआ कि सीबीसी जांच बंद पड़ी हुई है। इस पर मुझे बाहर से महंगे दामों में जांच करानी पड़ी। अनीता चैन का पुरवा (फोटो-8- अनीता)
पिछले कई दिनों से मैं अक्सर बीमार चल रहा था। मैं शारीरिक संबंधी जांच कराने सीएचसी पहुंचा तो यहां आने पर ना तो मेरी कोई जांच हुई है। केवल इलाज के लिए पर्चे पर कुछ दवाइयां लिखकर लेने के लिए कह दिया। बैकुंठ मिश्रा मंगरौल (फोटो-9-बैकुंठ मिश्रा)