संवाद न्यूज एजेंसी
उरई। तंबाकू सेवन हर व्यक्ति के लिए हानिकारक है। विशेष रूप से महिलाओं को तंबाकू सेवन से कई प्रकार की दिक्कतें हो सकती हैं।
जिला महिला अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. एके सिंह का कहना है कि तंबाकू सेवन करने वाली महिलाओं में गर्भपात की समस्या सामान्य महिलाओं की तुलना में अधिक होती है। इसके अलावा तंबाकू का सेवन करने से महिलाओं में प्रजनन संबंधी विकार और माहवारी से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं। इसलिए सावधान रहने की जरूरत है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 के अनुसार जनपद में पंद्रह वर्ष से ऊपर की आयु के 49.9 प्रतिशत पुरुष और 13.4 प्रतिशत महिलाएं तंबाकू का सेवन करती हैं।
जिला अस्पताल में बने तंबाकू नियंत्रण कक्ष में रोजाना आठ से दस मरीज आते है। जो लंबे समय से तंबाकू का सेवन कर रहे होते है और उनमें मुंह न खुलने की समस्या सबसे ज्यादा होती है। सलाहकार महेश कुमार ने बताया कि मरीजों की काउंसलिंग कर उनकी तंबाकू की लत छुड़ाने में मदद की जाती है। किसी भी नशे का सेवन छ़ोड़ने के लिए इच्छाशक्ति मजबूत करने की जरूरत होती है।
हमें भोजन चाहिए, तंबाकू नहीं थीम पर मनाया जाएगा तंबाकू निषेध दिवस
तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. वीरेंद्र सिंह का कहना है कि तंबाकू के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इस साल की थीम वी नीड फूड नो टोबैको यानी हमें भोजन चाहिए, तंबाकू नहीं रखी गई है। तंबाकू सेवन करने से हर साल दुनिया में 60 लाख लोग अपनी जान गंवाते हैं। इसका सेवन खुद के साथ दूसरों के लिए भी नुकसानदेय है।
काउंसलिंग से छोड़ रहे हैं लत
जिला तंबाकू नियंत्रण इकाई की सलाहकार तृप्ति यादव का कहना है कि अप्रैल 2019 से मार्च 2023 तक 1662 लोगों ने तंबाकू नियंत्रण कक्ष में पंजीकरण कराया। इसमें 160 पुरुष और 57 महिलाओं समेत 217 लोगों ने धूम्रपान और तंबाकू सेवन से तौबा कर लिया है।
केस-1- जालौन की एक महिला बताती है कि वह दस साल से ज्यादा समय से तंबाकू खा रही थीं। दांतों में दिक्कत हो रही थी। खाने में मिर्च लगने लगी थी। डाक्टर ने तंबाकू नियंत्रण कक्ष में जाने की सलाह दी। वहां काउंसलिंग की गई। इसका असर यह हुआ कि 7 महीने से गुटका नहीं खा रही है।
केस-2- कुकरगांव के अनिल का कहना है कि वह करीब 15 साल से गुटका सेवन करते थे। करीब नौ महीने पहले उन्होंने तंबाकू छोड़ने की लिए काउंसलिंग कराई। काउंसलिंग के बाद उन्होंने तय किया कि अब गुटका का सेवन नहीं करेंगे। करीब आठ माह से उन्होंने एक दाना गुटका नहीं खाया है।