फोटो-17-तकिया पर तकरीर करते मौलाना। संवाद
संवाद न्यूज एजेंसी
कोंच। सागर तालाब स्थित सूफी दरगाह आस्ताना-ए-कलंदरिया पर 83वां तीन रोजा उर्से कलंदरी का जलसा औलिया-ए-इकराम व नातिया मुशायरा बाद नमाज इशा नौ बजे से किया गया। मौलाना फजलुर्रहमान कादरी ने तकरीर में कहा कि नमाज कायम करने के साथ वाल्दैन (माता-पिता) की खिदमत जरूर करें और दीन व दुनिया दोनों जगह कामयाबी हासिल करें।
सदारत दरगाह के सज्जादा नशीन हाजी आरिफ अली शाह व निजामत नाजिमे उर्स हाफिज अताउल्ला खां गौरी, कारी अब्दुल वाहिद फलक बल्देवगढ़ टीकमगढ़ ने संयुक्त रूप से अंजाम दिए। जलसे का आगाज तिलावते कलाम पाक से हाफिज कारी मोहम्मद असलम रजा व नात से फिरोज रजा अजहरी ने किया।
हाफिज रिजवान अलीमी ने कहा कि नौजवानों इल्म हासिल करो, तमाम दीगर गुनाहों से बचो, अगर कामयाब होना चाहते हो तो प्यारे रसूल की सुन्नतों पर अमल और अल्लाह के हुक्म पर चलकर दीन दुनिया की कामयाबी हासिल करो। मौलाना सैय्यद निजाम अली कादरी ने भी तकरीर की।
इससे पहले बफात रजा , समीर रजा आदि उलमा-ए-किराम, नात ख्वा हजरात ने प्रोग्राम में रौनक बख्शी। इससे पूर्व दिन में दो बजे चादर शरीफ का गस्त पूरे नगर में होते हुए दरगाह शरीफ वापस हुआ। बाद नमाज मगरिब सात बजे गुलपोशी, चादरपोशी हुई।
जलसे में हाफिज नौशाद खन चिश्ती, मौलाना सैय्यद नाजिम अली, हाफिज वाहिद अली, हाफिज काजिम अली, हाफिज मारूफ कादरी, हाफिज चांद, मोहम्मद सुल्तान कादरी, हाजी रज्जन बेग, समसुद्दीन मंसूरी सभासद, तौसीफ अहमद, महमूद, अनवार खलीफा आदि ने शिरकत की।