उरई। भले ही पालिका नगर को स्मार्ट सिटी बनाने की सोच रही हो और विकास के लिए दूसरे शहरों के अच्छी बातों को अपना रही हो। लेकिन हकीकत में लापरवाही हावी है। नगर में आगरा की तर्ज पर कई जगह कूड़ेदान स्थापित किए गए, जो अब मानक को पूरा नहीं कर रहे हैं। कूड़ेदान लगने के साथ ही उखड़ने लगे हैं।
आगरा की तर्ज पर नगर के कूड़े को कूड़ेदान में डालने के लिए हर 100 कदम पर पालिका ने करीब 150 कूड़ेेदान लगाए थे। जिनकी कुछ दिन तो वाहवाही हुई। अब वही कूड़ेदान अपना बोझ नहीं उठा पा रहे हैं। कई जगह तो कूड़ेदान लगने के दो-चार दिन बाद ही उखड़ गए हैं। जिनकी फोटो लोग सोशल मीडिया पर भी डालकर पालिका के विकास की पोल खोल रहे हैं।
नगर के फायर ब्रिगेड कार्यालय के पास, आंबेडकर चौराहे के पास के अलावा बाजार में कई जगह कूड़ेदान उखड़ गए हैं। सिर्फ नाम के लिए ही जमीन पर सधे हुए हैं। फायर ब्रिगेड स्टेशन के पास लगा कूड़ादान बगल में बनी नाली में जाकर कर गिर गया। वी-मार्ट मॉल के सामने लगा कूड़ेदान टूट गया है। लोगों का आरोप है कि कूड़ेदान लगाने के समय गहरे गड्ढे नहीं किए गए। न ही उन्हें सही स्थान पर लगाया गया, जहां मर्जी आई वहीं लगा दिए। जबकि उनको लगाने के लिए अलग से एंगल भी लगे थे। अगर एक फीट एंगल जमीन के अंदर लगा दिए जाते तो आंधी में भी उनका कुछ नहीं बिगड़ता। सूखे व गीले कचरे को डालने के लिए अलग-अलग कूड़ेदान लगे हैं। दोनों को एंगल पर सिर्फ बोल्ट के सहारे टांग दिया गया। जो खुलकर नीचे गिर गए। जल्दबाजी में लगे कूड़ेदान अब कुछ समय के लिए ही वाहवाही करवा सकेंगे। कूड़ेदान को साफ करने के लिए पालिका के ही सफाई कर्मचारी लगाए गए है। जो हर सुबह शाम इन कूड़ेदान से कचरा निकालेंगे।
रंगाई-पुताई से हो गया काम
पूर्व पालिकाध्यक्ष ने इन कूड़ेदानों को बनवाया था लेकिन चुनाव का समय होने के कारण लगवाए नहीं जा सके। उसके बाद वर्तमान पालिकाध्यक्ष गिरिजा चौधरी ने इनकी रंगाई पुताई कराकर जल्दबाजी में स्वतंत्रता दिवस पर लगवा दिए गए लेकिन उनके मानकों के बारे में ध्यान नहीं रखा गया। करीब पांच लाख की लागत इन्हें बनवाने में आई थी। उसके बाद अब फिर से रंगाई पुताई करवाकर बजट खर्चा करा दिया गया। सूत्रों की मानें तो रंगाई, पुताई व लगवाने का काम भी खास ठेकेदार को दिया गया था।
वर्जन-
कूड़ेदान सही जगह लगवाए जा रहे हैं। अगर कहीं उखड़ गए हैं तो उन्हें सही करा दिया जाएगा। -विमलापति,ईओ,नगर पालिका